RERA Bihar: नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले बिल्डरों पर एक्शन लेगा रेरा, सेटेलाइट इमेज और ड्रोन का होगा इस्तेमाल
बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने शहर में बड़े-बड़े अपार्टमेंट निर्माण के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों और प्रमोटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। रेरा अब सेटेलाइट इमेज और ड्रोन फोटोग्राफी की मदद से ऐसे बिल्डरों पर नकेल कसेगा। रेरा अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने शुक्रवार को प्रमोटरों की एक कार्यशाला में यह चेतावनी दी।
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना शहर में बड़े-बड़े अपार्टमेंट निर्माण के दौरान बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के नियमों को नहीं मानने वाले बिल्डरों प्रमोटरों के खिलाफ अब रेरा सेटेलाइट इमेज और ड्रोन फोटोग्राफी की सहायता लेकर कार्रवाई करेगा।
शुक्रवार को प्रमोटरों की एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए रेरा अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने यह चेतावनी दी। कार्यशाला में वैसे प्रोमोटर्स बुलाए गए थे जिनकी परियोजना निबंधन पहली अक्टूबर 2024 और 31 मार्च 2025 के बीच समाप्त होगी।
कार्यशाला में रेरा अध्यक्ष ने कहा कि घर खरीदारों के हितों की रक्षा सर्वोपरी है। इसके लिए यह जरूरी है कि निबंधित परियोजनाएं समय पर पूरी हों।
उन्होंने तिमाही रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि 98 रजिस्टर्ड परियोजनाओं का निबंधन 31 मार्च 2025 तक समाप्त होगा। इनमें से 55 परियोजनाएं पूरी होने के कगार पर हैं। 11 परियोजनाओं की रफ्तार धीमी है जबकि 32 परियोजनाएं अब तक ढंग से शुरू भी नहीं हो पाई हैंं।
उन्होंने कहा कि हम प्रमोटरों को यह बताना चाहते हैं कि अगर परियोजना की प्रगति अपेक्षा के अनुरूप नहीं है तो उन्हें परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए पहले से ही सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।
रेरा सदस्य एसडी झा ने कहा कि परियोजनाओं की धीमी प्रगति यह दिखाता है कि ऐसे प्रमोटरों को अपने ग्राहकों के हितों की चिंता नहीं। धीमी गति वाली परियोजनाओं से यह भी शक पैदा करती हैं कि ग्राहकों के पैसों का सही उपयोग नहीं हो रहा।
कार्यशाला में न्याय निर्णायक अधिकारी एके तिवारी, सचिव आलोक कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी राजेश थदानी, वरिष्ठ कानूनी सलाहकार वेद प्रकाश और वरिष्ठ भू अभिलेख अधिकारी अमरेंद्र शाही सहित रेरा के अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।