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Bihar Reservation: बिहार में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू, सरकारी नौकरियों में मिलेगा बड़ा फायदा; जातियों के हिसाब से समझें पूरा गणित

नई व्यवस्था में 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान है। यानी पहले से जारी आरक्षण में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें से 13 प्रतिशत पिछड़े एवं अति पिछड़े के कोटा में जुड़ा। दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 और अन्य वर्गों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण पहले से दिया जा रहा था। अनुसूचित जातियों-एवं जनजातियों को संख्या के अनुसार आरक्षण का प्रविधान है।

By Arun AsheshEdited By: Rajat MouryaPublished: Tue, 21 Nov 2023 05:39 PM (IST)Updated: Tue, 21 Nov 2023 05:39 PM (IST)
बिहार में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू, सरकारी नौकरियों में मिलेगा बड़ा फायदा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar 75 Percent Reservation बिहार में सेवाओं और शिक्षण संस्थानों में दाखिले को लेकर 75 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया है। राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर के हस्ताक्षर और गजट अधिसूचना के साथ ही राज्य की सरकारी सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों के दाखिले में आरक्षण की नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। विधेयक के अनुसार प्रोन्नति के मामले में सिर्फ अजा एवं अजजा को विशेष सुविधा मिलेगी। आरक्षण की ये सुविधा सीधी भर्ती में मिलेगी।

बिहार विधानसभा में नौ और विधान परिषद में 10 नवंबर को इन विधेयकों सर्व सम्मति से स्वीकृति मिली थी। विधानसभा सचिवालय ने 12 नवंबर को इन्हें राज्यपाल के पास भेज दिया था। उसी दिन राज्यपाल के पास कुल छह विधेयक गए थे। इनमें से चार 14 नवंबर को लौट आए थे। राज्य सरकार की गजट अधिसूचना के अनुसार राज्यपाल ने आरक्षण विधेयकों पर 18 नवंबर को हस्ताक्षर किया। उसकी प्रति मंगलवार को राज्य सरकार को मिली।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था आग्रह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 16 नवंबर को आयोजित उद्योग विभाग के समारोह में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल से आग्रह किया था कि वे आरक्षण विधेयक पर अपना हस्ताक्षर कर दें। उन्होंने कहा था, "आज राज्यपाल का हस्ताक्षर होगा, कल से नई आरक्षण व्यवस्था लागू हो जाएगी।" उनके आग्रह के दो दिन बाद राज्यपाल ने इन विधेयकों पर हस्ताक्षर किया।

जाति आधारित गणना के अनुसार बढ़ी सीमा

राज्य सरकार ने जाति आधारित गणना में मिले जातियों के नवीनतम आंकड़े के आधार नई आरक्षण नीति लागू किया है। गणना में समाज के हरेक नागरिक और परिवार की आर्थिक स्थिति का आकलन किया गया है। गणना की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 94 लाख गरीब परिवार ऐसे हैं, जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये तक है। मुख्यमंत्री ने ऐसे परिवारों की आर्थिक उन्नति के लिए प्रति परिवार दो लाख रुपया देने का निर्णय लिया। राज्य कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दे दी।

अब उद्योग विभाग गाइडलाइन तैयार कर रहा है। इस योजना पर पांच वर्षों में ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत गरीब परिवारों को एक के बदले दो लाख रुपया देने की मंजूरी राज्य कैबिनेट से मिल चुकी है। यह राशि रोजगार सृजन के लिए है।

कुल आरक्षण में 15 प्रतिशत की वृद्धि

नई व्यवस्था में 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान है। यानी पहले से जारी आरक्षण में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें से 13 प्रतिशत पिछड़े एवं अति पिछड़े के कोटा में जुड़ा। दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 और अन्य वर्गों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण पहले से दिया जा रहा था। अनुसूचित जातियों-एवं जनजातियों को संख्या के अनुसार आरक्षण का प्रविधान है। जाति आधारित गणना में उनकी आबादी करीब 22 प्रतिशत है, इसलिए 22 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रविधान किया गया है।

सरकारी सेवाओं एवं दाखिले में आरक्षण

  • अनुसूचित जातियां - 20 प्रतिशत
  • अनुसूचित जनजातियां - 02 प्रतिशत
  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग - 25 प्रतिशत
  • पिछड़ा वर्ग - 18 प्रतिशत
  • खुला गुणागुण कोटि - 35 प्रतिशत ( इसमें 10 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए)

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