बिहार में फिर 'जाति' का सियासी खेल शुरू! 75% आरक्षण के लागू होते ही लाल-पीले हुए मांझी, CM नीतीश से कर गए ये डिमांड
बिहार में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया है। अब सरकारी सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों में 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। आरक्षण के लागू होते ही प्रदेश में जाति का सियासी खेल भी शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से कैबिनेट बर्खास्त करने की डिमांड कर दी है। उन्होंने नीतीश को नसीहत भी दी है।
By Sunil RajEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 21 Nov 2023 08:04 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Reservation News राज्य सरकार के आरक्षण से जुड़े दो विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इस पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जाति की आबादी के अनुरूप मंत्रिमंडल के गठन की मांग की है।
मांझी ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया- बिहार में आरक्षण बढ़ाने के बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई। उम्मीद है, आज ही सीएम नीतीश कुमार वर्तमान राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति की आबादी के अनुसार नए मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। जिसकी जितनी संख्या भारी मिलेगी उसको उतनी हिस्सेदारी, सभी जातियों को मिलेगी सरकार की जिम्मेदारी।
आरक्षण बिल पास होने के बाद बढ़ गई है भाजपा की बेचैनी : राजद
राज्य की सेवाओं और शिक्षण संस्थानों के दाखिले में 75 प्रतिशत आरक्षण बिल पर राजभवन की सहमति का राष्ट्रीय जनता दल ने स्वागत किया है। पार्टी नेताओं ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि सरकार के इस निर्णय से विकास की धारा में पिछड़े समुदाय को विकास के मुख्य धारा से जुड़ने की दिशा में सफलता मिलेगा।आरक्षण बिल पर राज्यपाल की सहमति मिलने के बाद राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन और शक्ति सिंह ने बयान जारी कर कहा कि इस ऐतिहासिक पहल के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव बधाई के पात्र हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता से आबादी के अनुपात में आरक्षण देने का जो वादा किया था वह आज साकार हो गया। इसी प्रकार दस लाख नौकरी देने सहित उनके द्वारा किए गए अन्य वादों को पूरा करने की दिशा में भी बिहार की गठबंधन सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सार्थक पहल की जा रही है।
बिहार की तरह केंद्र भी कराए जाति आधारित गणना: चौधरी
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि बिहार से सबक लेकर केंद्र सरकार लंबित चल रही 2021 की जनगणना के साथ जाति आधारित गणना कराने की घोषणा करे। उन्होंने मंगलवार का सरकारी सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आरक्षण की सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयकों पर राज्यपाल की सहमति मिलने पर संतोष व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि वैसे तो यह सामान्य विधायी प्रक्रिया है, परंतु सहमति मिल जाने पर अब ये विधेयक अधिनियम यानी कानून का रूप ले लेंगे तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच के मुताबिक समाज के पिछडे़ एवं गरीब लोगों को न्याय दिलाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। साथ ही ये नजीर के रूप में पूरे देश को भी रास्ता दिखाएगा।चौधरी ने कहा कि बिहार की तरह केंद्र सरकार भी जातियों की गणना कराए तो अनुसूचित जाति,जनजाति, पिछड़ों-अति पिछड़ों के साथ सभी जाति के गरीब लोगों को न्याय मिल सकेगा।
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