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नीतीश सरकार की टेंशन बढ़ेगी! राजस्व सेवा के अधिकारियों ने दी दाखिल-खारिज रोकने की धमकी; ये है मामला

दो अधिकारियों के निलंबन के विरूद्ध राजस्व सेवा के अधिकारियों ने दाखिल-खारिज रोकने की धमकी दी है। बिहार राजस्व सेवा संघ के अध्यक्ष धीरज प्रकाश ने गुरुवार को विभाग के मुख्य अपर सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि अगर अविनाश कुमार और सुमित कुमार का निलंबन रद्द नहीं होता है तो संघ के सदस्य आन्दोलन करेंगे।

By Arun Ashesh Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 12 Jul 2024 09:09 AM (IST)
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व सेवा के दो अधिकारियों के निलंबन को गैरकानूनी बताते हुए संघ ने 18 जुलाई से दाखिल-खारिज रोकने की धमकी दी है। बिहार राजस्व सेवा संघ के अध्यक्ष धीरज प्रकाश ने गुरुवार को विभाग के मुख्य अपर सचिव को पत्र लिखकर कहा कि अगर अविनाश कुमार और सुमित कुमार का निलंबन रद्द नहीं होता है तो संघ के सदस्य आन्दोलन करेंगे।

इन दोनों अधिकारियों को इस आरोप में निलंबित किया गया कि बोधगया अंचल में तैनाती के दौरान उन्होंने गलत कागज के आधार पर जमाबंदी कायम कर दी थी।

बिहार राजस्व सेवा संघ का क्या कहना है?

संघ ने पत्र में लिखा है कि दाखिल-खारिज को लेकर अंचलाधिकारी हमेशा दुविधा में रहते हैं। कुछ अंचलों में खतियान और भूमि स्वामित्व से जुड़े जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। जमीन पर दखल सर्वे के अनुसार होती है और खरीद-बिक्री चकबंदी खेसरा से होती है। रजिस्ट्री के आधार पर रैयतों की ओर से अंचलाधिकारी पर दाखिल-खारिज करने के लिए दबाव बनाया जाता है।

बिहार दाखिल-खारिज अधिनियम में अंचल अधिकारी को सिविल जज की शक्ति प्राप्त है। दो अंचलाधिकारियों का निलंबन ऐसा ही मामला है, मानों किसी न्यायाधीश को न्यायिक शक्ति के उपयोग के लिए दंडित कर दिया जाए।

'अंचलों में हदबंदी वाली जमीन की कोई सूची नहीं है'

संघ ने कहा कि बोधगया प्रकरण में राजस्व कर्मचारी के मंतव्य पर जमाबंदी कायम की गई। बाद में वह जमीन भू-हदबंदी से प्रभावित पाई गई तो जमाबंदी रद कर दी गई। संघ ने प्रश्न किया है कि हदबंदी की जमीन का निबंधन कैसे हो जाता है। अंचलों में हदबंदी वाली जमीन की कोई सूची नहीं है।

संघ के सदस्य फिलहाल काली पट्टी बांधकर अपना काम करेंगे। कार्यालय में प्रवेश करते ही दो मिनट मौन रहेंगे।

संघ ने कहा कि विभाग दाखिल खारिज के बारे में स्पष्ट दिशा निर्देश दे। दोनों अधिकारियों का निलंबन तत्काल रद्द करे। यह नहीं हुआ कि 18 जुलाई से अंचलाधिकारी दाखिल-खारिज कार्य से स्वयं को अलग कर लेंगे।

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