बिहार के सत्तू की सोंधी महक विदेशों में भी पहुंची, जानिए सत्तू क्यों है खास?
सत्तू बिहार का एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है। बिहार में कई तरह के अनाज से सत्तू तैयार किया जाता है। चने का सत्तू, जौ का सत्तू, मकई का सत्तू, कुरथी का सत्तू। यह एक कंप्लीट फूड है।
By Kajal KumariEdited By: Updated: Fri, 05 May 2017 11:34 PM (IST)
पटना [काजल]। कभी बिहार में निचले तबके के गरीब लोगों का भोजन हुआ करता था सत्तू, जिसकी सोंधी महक अब विदेशों तक पहुंच गई है। बिहार का लिट्टी-चोखा जिसके स्वाद की दुनिया दिवानी है उसके भरावन में सत्तू का ही इस्तेमाल होता है। सत्तू गर्मियों के मौसम के लिए वरदान है, जिसका प्रयोग आप कहीं भी, कभी भी कर सकते हैं।
विदेशों तक पहुंची सत्तू की सोंधी महकबिहार के जो लोग विदेशों में रहते हैं उ्न्होंने वहां के लोगों को भी इसका स्वाद चखा दिया है इसीलिए विदेशों से आने वाले लोग भी सत्तू की डिमांड जरूर करते हैं। देशभर में अपनी खास पहचान बना चुके बिहार के सत्तू की सोंधी सुगंध अब विदेशों तक भी पहुंचने लगी है।
दक्षिण कोरिया के शहर चुन चीआन की निवासी ग्रेस ली करीब 20 साल पहले बिहार आ कर बस गईं। यहां के सत्तू की वह खुद दीवानी हो गईं और बाद में अपने कोरियाई दोस्तों को इसका दीवाना बनाया। अब ग्रेस ली का लक्ष्य सभी देशों में सत्तू पहुंचाने का है। बिहार के कुछ इलाकों में दिन का खाना है सत्तू
बिहार के सत्तू की बात कुछ खास हैं क्योंकि यहां चने का सत्तू, मकई का सत्तू, जौ का सत्तू, कुरथी का सत्तू इतनी वेरायटीज मिलती हैं। इसे आप किसी रूप में प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन मजदूर तबका तो बस गमछा बिछाता है, सत्तू डालता है, कच्चा प्याज, हरी मिर्च और नींबू निचोड़कर पानी मिलाकर सत्तू के गोले तैयार कर उसे भरपेट खाकर पानी पीकर काम पर निकल जाता है।सत्तू एक कंप्लीट फूड हैगर्मी में प्यास ज्यादा लगती है और इसके लिए हम पानी से लेकर जूस, शरबत आदि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। ऐसे में सत्तू आपके लिए एक विकल्प हो सकता है। यह पेट के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इसमें लो ग्लाईसेमिक इंडेक्स होते हैं जिस कारण यह डायबिटीज के रोगी के लिए अच्छा माना जाता है। इसे आप खा सकते हैं, इसका घोल बनाकर पीएं या इसके पराठे बनाकर खाएं, यह एक कंप्लीट फूड है।मजदूरों की पहली पसंद है सत्तूदिनभर काम कर थके हारे रहे मजदूरों के लिए सत्तू से ज्यादा बेहतर और क्या हो सकता है, बस नमक या चीनी डालकर पानी के साथ मिलाकर उसके गोले बनाना और भरपेट खा लेना। सत्तू जहां एक ओर खाने में स्वाद लाता वहीं दूसरी ओर प्रोटीन का बेहतर स्रोत होता है, जो स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक है। दूसरी बात की यह सस्ता भी है और आसानी से मिल भी जाता है।यह भी पढ़ें: बिहार के इस स्कूल के बच्चों को चार वर्षों से नहीं मिला है मध्याहन भोजन चने, मकई, जौ को भूनकर तेैयार किया जाता है सत्तू का आटा भूने हुए चने से तैयार किया जाता है, इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इससे सत्तू का प्रोटीन खत्म नहीं होता। शरीर को ठंडक पहुंचाता है। फिटनेस की फ्रिक करने वाले भी सत्तू की बनी ड्रिंक पीना पसंद करते हैं। जानिए सत्तू है कितना फायदेमंद-सत्तू बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए फायदेमंद है, सत्तू से शरीर को प्रोटीन, विटामिन ए, कार्बोहाईड्रेट्स, मिनरल मिलता है-डायबटीज़ के मरीज़ों के लिए लाभदायक, इसमें आयरन, मैगनीज़, मैग्नीशियम, कम ग्लाइसेमिक और सोडियम होता है- गर्मी के दिनों में सत्तू का सेवन करना आपको गर्मी के दुष्प्रभाव एवं लू की चपेट से बचाता है-प्रोटीन का बढ़िया स्त्रोत है और यह पेट की गड़बड़ियों को भी ठीक करता है, इसे खाने से लिवर मजबूत होता है --एसिडिटी की समस्या दूर होती है, आसानी से पचने के कारण कब्ज भी नहीं होती- सत्तू तुरंत ऊर्जा देता है, यह कमजोरी को दूर कर ऊर्जावान बनाता है- ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक होता है-यह मोटापा दूर करने में भी सहायक हैयह भी पढ़ें: बिहारी खून से बचेगी महाराष्ट्र में लोगों की जान, जानिए सत्तू अपने आप में पूरा आहार है, यह एक सुपाच्य, हल्का, पौष्टिक और शीतल खाद्यपदार्थ है, इसीलिए इसका सेवन गर्मियों में जरूर करना चाहिए, ताकि आप कई रोगों से दूर रह सकें।
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