शिक्षा विभाग का फैसला; सामुदायिक भवन और मंदिर-मस्जिद परिसर में अब नहीं चलेंगे स्कूल
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की बैठक में निर्देशित किया कि उनके क्षेत्र में सामुदायिक भवन और मंदिर-मस्जिद परिसर में कितने प्रारंभिक स्कूल चल रहे इसकी सूची कार्यालय को उपलब्ध कराएं। साथ ही यह भी जानकारी दें कि इन स्कूलों को बगल के किस स्कूल में मर्ज किया जा सकता है। जिला शिक्षा कार्यालय ने ऐसे स्कूलों की सूची भी तैयार कर ली है।
जागरण संवाददाता, पटना। पटना जिले में अब कोई भी सरकारी स्कूल सामुदायिक भवन और मंदिर-मस्जिद परिसर में संचालित नहीं होंगे। शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों को बगल के स्कूलों में मर्ज करने का निर्णय लिया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों की बैठक में निर्देशित किया कि उनके क्षेत्र में सामुदायिक भवन और मंदिर-मस्जिद परिसर में कितने प्रारंभिक स्कूल चल रहे इसकी सूची कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
साथ ही यह भी जानकारी दें कि इन स्कूलों को बगल के किस स्कूल में मर्ज किया जा सकता है। इसके अलावा जिला शिक्षा कार्यालय ने सामुदायिक भवन और मंदिर-मस्जिद परिसर में चल स्कूल को छोड़कर अन्य जगह पर एक ही परिसर में एक से अधिक चल रहे स्कूलों की सूची तैयार की है। जिसमें 166 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय शामिल हैं।
स्कूलों को आपस में मर्ज करने को लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू भी हो गई है। विभाग के अनुसार स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया जून के अंतिम माह तक पूरा कर लिया जाएगा।
बनेगा कक्षाओं को सेक्शन
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि यदि एक परिसर में एक से अधिक स्कूल संचालित हो रहे रहे तो इनमें से दो स्कूल को वहीं के मूल स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा। तीन स्कूलों के अलग-अलग प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक होंगे तो उनमें जो सीनियर होगा उनको उस स्कूल का स्थाई प्रधानाध्यापक नियुक्त कर दिया जाएगा।यदि शिक्षकों की संख्या अधिक होगी तो उनको दूसरे जगह स्थानांतरित किया जाएगा। बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो अलग-अलग सेक्शन बनाया जाएगा।
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