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Gold Loan Scheme: सहकारी बैंकों में मिलेगा गोल्ड लोन, RBI ने दी मंजूरी; जानिए ब्याज दर और पात्रता

बिहार राज्य सहकारी बैंक में दिसंबर से गोल्ड लोन स्कीम शुरू होगी। ग्राहकों को मिलेगा 75% तक लोन और सिर्फ 10% ब्याज। निजी क्षेत्र के बैंकों में 20% तक ब्याज होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को लोन लेने में सहूलियत मिलेगी। वेतनभोगी स्व-नियोजित पेशेवर गृहिणियां और किसान भी उठा सकेंगे इस योजना का लाभ। आरबीआई ने गोल्ड स्कीम को मंजूरी दे दी है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 10 Sep 2024 04:30 PM (IST)
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बिहार में सहकारी बैंक में मिलेगा गोल्ड लोन।

राज्य ब्यूरो, पटना। बड़े वित्तीय सुधारों से गुजर रहे राज्य के सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गोल्ड लोन स्कीम शुरू करने की मंजूरी दी है। दिसंबर से बिहार राज्य सहकारी बैंक में गोल्ड लोन स्कीम की शुरूआत होगी। इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष 25-26 से सभी 23 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों में ग्राहकों को गोल्ड लोन की सुविधा मिलनी शुरू होगी।

इस संबंध में बिहार राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरबीआई से गोल्ड लोन स्कीम की सहमति मिली है। सहकारी बैंकों में पहली बार गोल्ड लोन स्कीम से लोग लाभान्वित होंगे।

दिसंबर से मिलेगा गोल्ड लोन

उन्होंने बताया कि बिहार राज्य सहकारी बैंक में गोल्ड लोन स्कीम शुरू संबंधी सारी तैयारियां की जा रही हैं। गोल्ड लोन लेने वाले ग्राहकों को उनके द्वारा जमा कराया जाने वाला सोना की कुल कीमत का 75 प्रतिशत राशि दी जाएगी। उन्हें गोल्ड लोन पर 10 प्रतिशत ब्याज लगेगा, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों में गोल्ड लोन पर ग्राहकों से 20 प्रतिशत तक ब्याज लिया जाता है।

उन्होंने बताया कि आरबीआई द्वारा मॉनीटरी पॉलिसी स्टेटमेंट के तहत बिहार के को-ऑपरेटिव बैंकों में गोल्ड लोन स्कीम का प्रविधान किया गया है। आरबीआई के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि सहकारी बैंक अब व्यावसायिक बैंकों की तरह गोल्ड सिक्योरिटी के रूप में रखकर इच्छुक ग्राहक को ऋण दे सकेंगे। हालांकि, लोन लेने वाले ग्राहक से सोने की यह मात्रा 50 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।

ऋण लेने वाले के लिए सिक्योरिटी के रूप में रखा जाने वाला गोल्ड आभूषण या बैंकों की ओर से बेचे जाने वाले ढलवा सोने के रूप में होने चाहिए। हालांकि, इस तरह ऋण देने या नहीं देने के मामले में को-ऑपरेटिव बैंकों के प्रबंधन का फैसला ही अंतिम होगा। खास बात यह कि आरबीआई के निर्देश से सहकारी बैंकों की ग्रामीण शाखाओं को लोन देने में काफी सहूलियत होगी।

खासकर महिलाएं लोन के बदले उन सोनारों-साहूकारों के हाथ अपना गहना गंवाने से बच जाएंगी, जो काफी ऊंचे ब्याज दर पर स्थानीय लोगों को लोन देते हैं। अब जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के ग्रामीण शाखाओं में जरूरत पडऩे पर कम राशि का लोन भी लोग ले सकेंगे। वेतनभोगी, स्व-नियोजित पेशेवर, स्व-नियोजित गैर-पेशेवर, गृहिणियां और किसान समेत अन्य लोग भी गोल्ड लोन स्कीम का लाभ उठा सकेंगे। इस स्कीम से बैंकों को भी व्यावसायिक लाभ होगा।

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