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Bihar News: विश्वविद्यालयों के PL अकाउंट पर शिक्षा विभाग की नजर, सरेंडर करने होंगे 2000 करोड़ रुपये!

बिहार में कई विश्वविद्यालय पीएल अकाउंट में जमा राशि का उपयोग नहीं कर रहे हैं। पीएल अकाउंट पर शिक्षा विभाग की नजर है। शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों से 2 हजार करोड़ रुपये सरेंडर कराएगा। तीन माह के अंदर राशि खर्च नहीं होने पर राज्य सरकार को सरेंडर करनी होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने यह अहम जानकारी दी है।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 08 Jul 2024 01:57 PM (IST)
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विश्वविद्यालयों के PL अकाउंट पर शिक्षा विभाग की नजर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों के पीएल एकाउंट में दो हजार करोड़ रुपये जमा हैं, जिसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस राशि को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा कई बार विश्वविद्यालयों को आगाह किया है।

वर्ष 2018-19 से विभिन्न मदों में दी जाने वाली राशि विश्वविद्यालयों द्वारा शत प्रतिशत खर्च नहीं किए जाने के चलते उसके पीएल अकाउंट में जमा धन दो हजार करोड़ रुपये हो गया है।

अब विभाग द्वारा उक्त राशि को वापस लेने की तैयारी हो रही है। फिलहाल, पीएल अकाउंट में जमा राशि का अद्यतन ब्योरा विश्वविद्यालयों से शिक्षा विभाग ले रहा है।

उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ने दी खास जानकारी

उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को राज्य सरकार द्वारा मदवार दी जाने वाली राशि शत प्रतिशत खर्च नहीं किया जा रहा है।

तीन महीने के अंदर सरेंडर करनी होगी राशि

इसके चलते शिक्षा विभाग द्वारा अब नयी व्यवस्था की गयी है। इसी व्यवस्था के तहत पिछले दिनों विश्वविद्यालयों को तकरीबन 116 करोड़ रुपये मुहैया कराया गया है। शर्त यह है कि एक माह के अंदर राशि भुगतान नहीं करने पर पुनः मुख्यालय से स्वीकृति ली जाएगी। तीन माह के अंदर खर्च नहीं होने पर राज्य सरकार को सरेंडर करनी होगी।

वैसे शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी, जिनका वेतन सत्यापन कोषांग से वेतन पुर्जा निर्गत नहीं हुआ है, उन्हें 25 प्रतिशत राशि काट कर वेतन का भुगतान किया जाएगा। वेतन सत्यापन के लिए तय समय-सीमा के अंदर आवेदन नहीं करने वाले शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों का तीन माह के बाद वेतन बंद होगा।

अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेतरकर्मियों के वेतन सत्यापन के बाद ही बकाया पेंशनादि का भुगतान होगा। यही कारण है कि इस माह से प्रत्येक विश्वविद्यालय में राशि भुगतान की निगरानी मुख्यालय स्तर पर की जा रही है।

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