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बिहार में अब कुख्यात अपराधियों की खैर नहीं! नकेल कसने के लिए STF ने बनाई स्पेशल विंग, तेजतर्रार अधिकारियों को किया तैनात

कुख्यात अपराधियों पर नकेल कसने और तकनीकी रूप से अपराधियों की गतिविधियों का विश्लेषण करने के लिए बिहार एसटीएफ में एक नई विंग का गठन किया गया है। यह एसटीएफ की तकनीकी और विश्लेषण विंग (एस-टा) होगी। यह विंग आधुनिक उपकरणों और तकनीक की मदद से अपराधियों की जानकारी जुटाएगी। इसके लिए तकनीकी रूप से कुशल पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों का चयन किया गया है।

By Rajat Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 14 Feb 2024 07:01 PM (IST)
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कुख्यात अपराधियों पर नकेल कसने के लिए STF ने बनाई स्पेशल विंग। (सांकेतिक फोटो)

कुमार रजत, पटना। कुख्यात अपराधियों पर नकेल कसने और तकनीकी रूप से अपराधियों की गतिविधियों का विश्लेषण करने के लिए बिहार एसटीएफ में एक नई विंग का गठन किया गया है। यह एसटीएफ की तकनीकी और विश्लेषण विंग (एस-टा) होगी।

यह विंग आधुनिक उपकरणों और तकनीक की मदद से अपराधियों की जानकारी जुटाएगी। इस नई इकाई के गठन का मकसद एसटीएफ को तकनीकी रूप से उत्क्रमित करना, अंतरराज्यीय संगठित आपराधिक गिरोहों पर प्रभावकारी नियंत्रण रखना, अपराधियों की गतिविधि पर नजर रखते हुए अभियान चलाना, आधुनिक अपराध का पता लगाना आदि है।

इसके लिए तकनीकी रूप से कुशल पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों का चयन किया गया है। इसके साथ ही एसटीएफ की विशेष इकाई एस-टा को आधुनिक उपकरण, साफ्टवेयर और हार्डवेयर भी उपलब्ध कराए गए हैं।

कुख्यातों के जेल से छूटते ही भेजा जा रहा अलर्ट

एसटीएफ का विशेष विंग जेल से छूटने वाले कुख्यात अपराधियों पर भी विशेष नजर रख रहा। अपराधियों के जेल से छूटते ही संबंधित जिलों को ई-मेल के जरिए अलर्ट भेजा जाता है। पिछले छह माह में 4800 से अधिक कुख्यात अपराधियों को लेकर जिलों को करीब ढाई हजार ई-मेल अलर्ट भेजे गए हैं।

अलर्ट का मकसद इन अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखना है। थाना पुलिस की मदद से यह काम किया जा रहा। जिला और थाना के स्तर पर अलर्ट भेजने के बाद कितनी अपराधियों का सत्यापन किया गया, इसकी भी मासिक रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

99 प्रतिशत अपराधियों का हुआ सत्यापन

एसटीएफ की ओर से दिसंबर तक 791 पुलिस थानों को 3751 अपराधियों का सत्यापन करने का टास्क सौंपा गया था। इसमें 2739 गांवों से जुड़े अपराधी शामिल थे। पुलिस की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में 99 प्रतिशत अपराधियों के सत्यापन की पुष्टि की गई है।

इनमें 692 जेल में हैं, जबकि 2008 जमानत पर बाहर हैं। इसके अलावा 415 अपराधी फरार ओर 429 अपराधी लापता बताए गए हैं। पुलिस ने सूची में दर्ज 181 अपराधियों की मौत की जानकारी एसटीएफ को भेजी है।

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