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BPSC: बिहार शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्य के अभ्यर्थी को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ, कटआफ पर पड़ सकता है असर

Bihar Teacher Recruitment बिहार में शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बहाली प्रक्रिया में शामिल करने के फैसले से प्रदेश के अभ्यर्थियों में आक्रोश है। राज्य के शिक्षक संघ का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बगैर विमर्श किए नियमावली तैयार कराई है। सामान्य श्रेणी का कटआफ अधिक होने से आरक्षण श्रेणी के अभ्यर्थियों का कटआफ भी प्रभावित होगा।

By Jai Shankar BihariEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 29 Jun 2023 02:54 PM (IST)
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Bihar Teacher Recruitment: बिहार शिक्षक भर्ती में दूसरे राज्य के अभ्यर्थी को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Teacher Recruitment: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के एक लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली के लिए दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए लिंक उपलब्ध करा दिया है।

शिक्षक बहाली में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। बिहार छोड़कर अन्य राज्यों के सभी आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी सामान्य मेधा सूची में ही शामिल होंगे।

आयोग के अनुसार, बीपीएससी से संचालित किसी भी परीक्षा में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है। दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों का चयन सामान्य श्रेणी के पदों पर ही होता है।

बिहार की मेधा का है अपमान

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का बयान, सीटें रिक्त होने के कारण दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को शामिल करने का फैसला लिया, बिहार की मेधा का अपमान है।

केंद्रीय विद्यालय, नवोदय आवासीय विद्यालय सहित ओपन टू आल श्रेणी के सभी विद्यालयों में बिहार के शिक्षकों की संख्या इसका प्रमाण है।

राज्य में योग्य अभ्यर्थियों की संख्या सीटों से कई गुणा अधिक है। कम वेतनमान और मनमाने तरीके से विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किए बगैर नियमावली तैयार करने का यह नतीजा है।

हर दिन नियमावली में संशोधन की आवश्यकता पड़ रही है। सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को जानबूझकर उलझाना चाहती है।

सभी श्रेणी के अभ्यर्थी होंगे प्रभावित

शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को शामिल करने के फैसले से सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी ज्यादा प्रभावित होंगे।

अभ्यर्थी संतोष कुमार का कहना है कि इस फैसले का प्रभाव राज्य के सभी श्रेणी के विद्यार्थियों पर पड़ेगा। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी का ज्यादा अंक होने पर ये सामान्य मेधा सूची में शामिल होते हैं।

अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के सामान्य श्रेणी में शामिल होने से कटआफ ज्यादा होना स्वभाविक है। इस कारण आरक्षण श्रेणी के अभ्यर्थी जो पहले सामान्य मेधा सूची में होते, वे अपनी आरक्षण श्रेणी की मेधा सूची में होंगे।

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