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बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा: नीतीश सरकार कन्फ्यूज! अब तक शिक्षक नियमावली में किए 10 संशोधन

कुछ समय पूर्व ही बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने पंचायत और नगर निकाय से शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया को समाप्त करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली का निर्णय लिया था। आयोग के जरिये बहाल शिक्षकों को राज्य कर्मियों को दर्जा भी देगी। नई नियमावली के तहत 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है।

By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Wed, 28 Jun 2023 02:56 PM (IST)
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बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा: नीतीश सरकार कन्फ्यूज! अब तक शिक्षक नियमावली में किए 10 संशोधन
जागरण डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार शिक्षा नियमावली को लेकर कुछ कन्फ्यूज नजर आ रही है। इस नियमावली में अबतक करीब 10 संशोधन किए जा चुके हैं। यहां तक कि बिहार में अब बाहरी राज्यों के युवाओं के लिए शिक्षक बनने का रास्ता भी साफ कर दिया गया है। इसके बारे में आइए विस्तार से जानते हैं...

बाहरी राज्य के युवाओं को बिहार में शिक्षक बनने का मौका

बिहार सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इसके तहत अब दूसरे राज्यों के शिक्षक उम्मीदवारों के लिए बिहार में शिक्षक बनने का रास्ता खोल दिया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्ता) (संशोधन) नियमावली 2023 को स्वीकृति दी गई। इसके माध्यम से पूर्व की स्वीकृत नियमावली में एक बदलाव किया गया है।

विद्यालय शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए बिहार के स्थायी निवासी होने की अर्हता जो पूर्व में अनिवार्य थी उसे समाप्त कर दिया गया है।

संशोधन के बाद किसी भी प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थी बिहार की इस परीक्षा में भाग ले सकेंगे। मंगलवार को हुई बैठक में कुल 25 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की होनी है नियुक्ति

कुछ समय पूर्व ही सरकार ने पंचायत और नगर निकाय से शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया को समाप्त करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली का निर्णय लिया था।

आयोग के जरिये बहाल शिक्षकों को राज्य कर्मियों को दर्जा भी देगी। नई नियमावली के तहत 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। लेकिन, इसके लिए बिहार के स्थायी निवासी की अर्हता तय की गई थी।

कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि संशोधन के बाद अब इस परीक्षा में किसी भी प्रदेश के शिक्षक उम्मीदवार भाग ले सकेंगे और बिहार में शिक्षक बन सकेंगे।

ये नौ संशोधन भी अब तक हो चुके

09 जून

  • तकनीकी शिक्षा की डिग्री तथा प्राच्यभाषा विशेष से संबंधित डिग्री सामान्य विषय विद्यालय अध्यापक (कक्षा एक से पांच) पद पर नियुक्ति के लिए मान्य नहीं को विलोपित किया गया।
  • कक्षा नौ से 10 तक की नियुक्ति हेतु गणित के लिए शैक्षणिक योग्यता स्नातक स्तर पर कंप्यूटर साइंस में बीसीए को सम्मिलित किया गया।
  • कक्षा 11 व 12 के बायोलाजी विषय में नियुक्ति के लिए स्नातक के विषयों में किया गया संशोधन।

19 जून

  • सीटीईटी अभ्यर्थियों के लिए बीईटीईटी, 2017 के न्यूनतम अर्हतांक को कोटिवार किया गया प्रभावी।
  • उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए भाग-1 विषय पत्र में वाणिज्य के स्थान पर बिजनेस स्टडीज दर्ज।

22 जून

  • 31 अगस्त तक सीटीईटी पेपर वन में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन के लिए योग्य माना।
  • प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए बीएएड व बीएससीएड की चार वर्षीय उपाधि वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति की तिथि से दो साल के अंदर एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से छह माह का ब्रिज कोर्स करना होगा।
  • कक्षा नौ व 10 के लिए विषय समूह विज्ञान के अंतर्गत जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान एवं रसायनशास्त्र के अलावा बायोटेक्नोलाजी व माइक्रोबायोलाजी को भी किया गया शामिल।
  • कक्षा नौ व 10 के लिए विषय समूह सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत इतिहास विषय के समकक्ष प्राचीन इतिहास को माना गया।
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