Bihar: केके पाठक के 'फरमान' के खिलाफ मानवाधिकार आयोग पहुंचे बिहार के शिक्षक, जानिए क्या है मामला
Bihar teachers बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को शिक्षकों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। टीईटी शिक्षक संघ शिक्षा विभाग ने शिक्षा विभाग के कार्रवाइयों को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। संघ ने मानवाधिकार आयोग से केके पाठक और जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों के पत्रों को निरस्त कराने की मांग की है।
By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiUpdated: Thu, 13 Jul 2023 09:45 AM (IST)
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और शिक्षकों के बीच एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है। केके पाठक ने धरना-प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद शिक्षक केके पाठक के खिलाफ मानवाधिकार आयोग पहुंच गए हैं।
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बीते 11 जुलाई से नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर पटना में आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आंदोलनकारी शिक्षकों की पहचान कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
केके पाठक ने 13 जुलाई को विद्यालयों में शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर भी पत्र लिखा है। 13 जुलाई यानी आज शिक्षकों के मुद्दे पर भाजपा का विधानसभा घेराव कार्यक्रम है।
इस बीच टीईटी शिक्षक संघ शिक्षा विभाग की कार्रवाइयों को असंवैधानिक बताते हुए उसके खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। संघ ने मानवाधिकार आयोग से केके पाठक और जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों के पत्रों को निरस्त कराने की मांग की है।
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों के प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्य दिवस पर शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने का आदेश जारी किया है।
इस संबंध में उन्होंने बुधवार को सभी जिलाधिकारी को आदेश दिया कि अपने जिले के सभी उप समाहर्ता, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों को गुरुवार को विद्यालय निरीक्षण काम में लगाएं।
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