Bakri Palan Bihar: बिहार में बनेगा देश का सबसे बड़ा बकरा सीमेन बैंक, 10 हजार पशुपालकों की होगी बल्ले-बल्ले
मथुरा के बाद अब बिहार में भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए बकरा सीमेन बैंक बनाया जा रहा है। यह बैंक बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय बकरी प्रक्षेत्र परिसर आसीएआर के ठीक सामने 1.55 करोड़ की लागत से बन रहा है। इसमें ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरों का सीमेन संरक्षित किया जाएगा जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के साथ-साथ बिहार झारखंड और बंगाल के जलवायु के अनुकूल भी है।
ब्लैक बंगाल नस्ल की सीमेन ही क्यों
विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्लैक बंगाल नस्ल में रोग-प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। यह नस्ल बिहार, झारखंड और बंगाल के जलवायु के अनुकूल है। इस नस्ल में प्रजनन क्षमता अधिक होती है। इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा बच्चे जन्म ले सकेंगे। प्रजनन दर बढ़ने से मांस और दूध से मुनाफा हो सकेगा।पांच हजार स्ट्रॉ रखने की होगी क्षमता
दो तरह से होगा सीमेन भंडार
बैंक में दो तरह से सीमेन को भंडारण किया जाएगा। पहला गोल्ड नैनो पार्टिकल आधारित सीमेन डाइलूटर और दूसरा क्वारसेटिन नामक एंटी आक्सिडेंट सीमेन डाइलूटर में डालकर शीतकरण किया जाएगा।सीमेन को रखने की क्या होगी प्रक्रिया
सीमेन बैंक के माध्यम से बकरी पालकों को उन्नत नस्ल का सीमेन आसानी से उपलब्ध हेागा। दूसरे प्रदेश से सीमेन लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। - डॉ. आलोक कुमार, परियोजना मुख्य अन्वेशषणकर्ता, सहायक प्राध्यापक, मादा पशुरोग विज्ञान विभाग, बिहार पशु चिकित्सा महाविद्यालय
ये भी पढ़ें- बिहार के इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में निखार सकेंगे अपनी शक्ल-ओ-सूरत, 13 जिलों की आबादी को मिलेगा लाभ ये भी पढ़ें- नाबार्ड के सहयोग से बिहार में खुलेगा GI टैग फैसिलेशन सेंटर, किसानों के उत्पादों को मिलेगी वैश्विक पहचानगोट सीमेन बैंक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के बकरी पालकों की आर्थिक रूप से समृद्ध करना है। अच्छे नस्ल के सीमेन के उपयोग से किसानों को अच्छी नस्ल के बकरी और बकरा दोनों मिल सकेंगे। - डॉ. जे के प्रसाद, डीन, बिहार पशु चिकित्ससा महाविद्यालय