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पावापुरी हो या जंगल सफारी, सैर कराने को पर्यटन निगम की तैयारी

नए साल के उपलक्ष्य में बड़ी संख्या में लोग पर्यटक स्थलों की ओर रुख करते हैं।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 09:00 AM (IST)
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पावापुरी हो या जंगल सफारी, सैर कराने को पर्यटन निगम की तैयारी

पटना : नए साल के उपलक्ष्य में बड़ी संख्या में लोग पर्यटक स्थलों की ओर रुख करते हैं। इसको ध्यान में रख पर्यटन निगम ने कमर कस ली है। राजधानी के आर. ब्लॉक चौराहे के पास स्थित कौटिल्य भवन से वाल्मीकिनगर, राजगीर, नालंदा, सोनपुर, वैशाली, पावापुरी आदि पर्यटक स्थलों के लिए विशेष रूप से वातानुकूलित वाहनों की व्यवस्था की गई है। पर्यटन निगम की ओर से बुकिंग भी शुरू कर दी गई है। विभिन्न स्थलों के लिए अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए हैं। पर्यटन निगम की ओर से इन स्थानों के लिए विशेष पैकेज बनाए गए हैं। 'पटना दर्शन' की भी योजना तैयार है।

बिहार राज्य पर्यटन निगम के टूर प्रबंधक ब्रजेश कुमार ने बताया कि निगम की ओर से बनाए गए पैकेज के तहत पटना दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपये देने होंगे। इस पैकेज में पटना शहर के सारे ऐतिहासिक स्थलों का परिभ्रमण कराया जाएगा। इसी तरह कौटिल्य भवन से ही पटना-वैशाली- वासोकुंज-सोनपुर-पटना एक दिवसीय पैकेज बनाया गया है। सुबह में पटना से रवाना होकर देर शाम तक वापस लौटने वाले इस टूर पैकेज के लिए प्रत्येक यात्री को एसी बस से यात्रा करने पर 600 रुपये चुकाने होंगे। ट्रैवेलर्स (मिनी बस) से यात्रा करने पर प्रति व्यक्ति 450 रुपये देने होंगे। इसमें गाइड, पानी, स्नैक्स व लंच की सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा निगम की ओर से पटना-नालंदा- राजगीर-पावापुरी-पटना के लिए एसी व जनरल बसें चलाई जा रही हैं। प्रति यात्री 750 रुपये लिए जा रहे हैं। इसमें स्नैक्स, पानी के साथ ही लंच भी शामिल होगा।

पर्यटन निगम की ओर से नये साल पर सबसे बेहतर टूर पैकेज पटना से वाल्मीकिनगर के लिए शुरू किया गया है। दो दिवसीय पैकेज के लिए प्रति यात्री 2800 रुपये देने होंगे। इसमें यात्रियों को टू-बाई-टू एसी बस से पटना से वाल्मीकिनगर आने-जाने की यात्रा के अलावा उनके रहने-खाने व घूमने की पूरी व्यवस्था होगी। इसके तहत पहले दिन सुबह 8 बजे पटना से बेतिया के लिए बस प्रस्थान करेगी। बेतिया में भोजन के बाद वाल्मीकिनगर ले जाया जाएगा। शाम में ही यहां गंडक बैराज के दर्शन के साथ ही वाच टावर से जंगल का नजारा दिखाया जाएगा। रात्रि विश्राम वहीं कराया जाएगा। दूसरे दिन कौलेश्वर झूला होते हुए जटाशंकर मंदिर तक ट्रैकिंग करते हुए ले जाया जाएगा। जटाशंकर मंदिर से जंगल सफारी, हाथी दर्शन, जंगल सफारी के दर्शन कराए जाएंगे। देर शाम तक वाल्मीकिनगर व आसपास के दर्शनीय स्थलों व मंदिरों का दर्शन कराया जाएगा। देर रात को पटना वापसी होगी।

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