यातायात नियमों को उल्लंघन करने वाले हो जाएं सावधान! NH पर की गई यह व्यवस्था, कहीं आपका भी तो नहीं कटा चालान
बिहार में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले सावधान हो जाएं। यातायात के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) सुधांशु कुमार ने बताया कि जब तक एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम नहीं लगाया जाता तब तक सभी एनएच पर हाई-वे पेट्रोलिंग सह इंटरसेप्टर वाहनों से निगरानी की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक 50 किमी पर इंटरसेप्टर वाहनों के साथ चार पुलिसकर्मी की तैनाती की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, पटना: यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले सावधान हो जाएं। अब जल्द ही बिहार के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) पर भी कैमरों से चालान कटेगा। इसके लिए राज्य से गुजरने वाले सभी 59 एनएच को एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) से लैस किया जाएगा।
गृह विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को पत्र लिखकर एटीएमएस लगाने का प्रस्ताव भेजा है।
यातायात के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) सुधांशु कुमार ने बताया कि जब तक एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम नहीं लगाया जाता, तब तक सभी एनएच पर हाईवे पेट्रोलिंग सह इंटरसेप्टर वाहनों से निगरानी की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक 50 किमी पर इंटरसेप्टर वाहनों के साथ चार पुलिसकर्मी की तैनाती की जाएगी।
एडीजी ने बताया कि इंटरसेप्टर वाहन में कैमरे के साथ स्पीड गन होता है, जो ओवरस्पीड गाड़ियों की तस्वीर 200 से 500 मीटर दूर से ही खींच लेता है। इसके जरिए भी चालान निर्गत किया जाएगा। इसके लिए 114 इंटरसेप्टर गाड़ियों की खरीद का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। यह इंटरसेप्टर वाहन डायल-112 से जुड़े होंगे ताकि आपातकाल या दुर्घटना के समय मदद के लिए पहुंच सके।
NH पर लगे कैमरे तो 28% तक कम हुई मौत
वर्तमान में दो एनएच पर एटीएमएस की सुविधा है, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं और मौत के आंकड़ों में एक चौथाई कमी आई है। मुजफ्फरपुर-कोटवा (मोतिहारी) एनएच-28 के 80 किमी के खंड में जनवरी से अगस्त के बीच एटीएमएस की मदद से 14 हजार 744 चालान काटे गए।
इसका परिणाम यह हुआ कि पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में दुर्घटना में 27 जबकि मौत में 28 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह एनएच 319 बभनिया-जगदीशपुर के बीच भी सात माह में 863 चालान निर्गत किए गए और वहां भी सड़क हादसों में कमी आई है।
महज 4% एनएच, मौत में हिस्सेदारी 44%
राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 4886 किमी है। यह राज्य के कुल सड़कों की लंबाई का महज चार प्रतिशत है, मगर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली 44 प्रतिशत मौत एनएच पर होती है।