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Bihar train accident: देश ही नहीं दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा बिहार में हुआ था, पढ़िए पहले कब-कब हुईं ट्रेन दुर्घटनाएं

Bihar Train Accident Anand Vihar Kamakhya Train accident दिल्ली से गुवाहाटी जा रही आनंद विहार कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की सभी बोगियां पटरी से उतर गईं जिनमें से दो बोगी पलट गईं। हादसे में अभी तक पांच लोगों की जान जा चुकी है और 70 से ज्यादा घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। पढ़िए बिहार में इससे पहले कब-कब हुए बड़े रेल हादसे...

By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Thu, 12 Oct 2023 02:22 PM (IST)
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Bihar Train Accident & Anand Vihar Kamakhya Train accident : देश ही नहीं दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा बिहार में हुआ।
डिजिटल डेस्‍क, पटना। Bihar Train Accident Anand Vihar Kamakhya Train accident : बिहार में बक्सर-आरा के बीच रघुनाथपुर के पास बुधवार रात भीषण ट्रेन हादसा हो गया। दिल्ली से गुवाहाटी जा रही आनंद विहार कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की सभी बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें से दो बोगी पलट गईं।

इस रेल हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। इनमें से 20 लोगों को पटना रेफर किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। ऐसी स्थिति में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

राहत और बचाव कार्य जारी है। जहां हादसा हुआ है, वहां पटरियां उखड़कर इधर-उधर जा गिरी हैं। पटना, आरा और बक्सर से रेलवे की बचाव टीम के साथ ही बक्सर और आरा जिले के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

बिहार रेल हादसे की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन और 15-20 किलोमीटर दूर गांवों से भी लोग दौड़ते-हांफते, जिन्हें जो मिला उस साधन से वहां पहुंच गए। ग्रामीणों की मदद से रेस्‍क्‍यू किया गया। अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू में काफी दिक्कत आई। टॉर्च की रोशनी में कोच में फंसे लोगों को निकालकर अस्पताल भेजा गया।

पढ़िए, बिहार में इससे पहले कब-कब हुए बड़े रेल हादसे...

6 जून, 1981 का वो काला दिन...

देश का ही नहीं, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल हादसा (Bihar Train Accident) भी बिहार में ही हुआ था। आज से 42 साल चार महीना पहले 6 जून, 1981 को देश की सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना सहरसा-मानसी रेलखंड के धमारा घाट के पुल संख्या 51 पर हुई। नौ में से सात डिब्बे नदी में गिर गए थे।

सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, इस हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन स्‍थानीय लोगों की मानें तो 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। कई हफ्तों तक शवों की तलाश चलती रही, जबकि आज भी कुछ लोगों का पता नहीं चल सका। उस घटना को याद करके आज भी बहुत से लोग ट्रेन में सवार होने से डरते हैं।

10 सितंबर, 2002: रफीगंज रेल हादसा (Rafiganj rail accident)

आज से 21 साल पहले यानी 10 सितंबर, 2002  को तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस बिहार में रफीगंज के पास धावा नदी पर बने पुल पर बेपटरी हो गई थी, जिसमें 130 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे।

देश के बड़े रेल हादसे

  • 20 अगस्‍त, 1995: फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस खड़ी कालिंदी एक्‍सप्रेस से टकरा गई। इस हादसे में 400 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
  • 26 नवंबर, 1998: जम्‍मू तवी सियालदह पंजाब में गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई थी। इसमें 215 लोगों की जान गई थी।
  • 2 अगस्त, 1999: ब्रह्मपुत्र मेल उत्‍तर रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस टकराई थी। इसमें 285 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
  • 2 जून 2023 : बालासोर में एक मालगाड़ी, 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एसएफ एक्सप्रेस सहित तीन ट्रेनों की टक्कर हुई, जिसमें 280 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। 
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