Bihar News: नगर निकाय कर्मियों के लिए बड़ी खबर! चेतावनी के बाद विभाग ने वापस लिया 7वां वेतनमान बंद करने का आदेश
बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने निकाय कर्मियों का सातवां वेतनमान बंद करने के आदेश को वापस ले लिया है। बता दें कि विभाग ने 10 जून को नगर निकाय कर्मियों को सातवां वेतनमान नहीं देने और दिए लाभ को कर्मियों से वसूली करने के निर्देश दिया था। हालांकि निकाय कर्मियों द्वारा इस निर्देश का भारी विरोध शुरू हो गया था।
जागरण संवाददाता, पटना। नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकाय कर्मियों को सातवां वेतनमान नहीं देने तथा दिए गए लाभ को कर्मियों से वसूली करने के निर्देश को शुक्रवार को वापस ले लिया है। यह निर्देश 10 जून को जारी किया था।
इस निर्देश का विरोध पटना नगर निगम की तरफ से सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने किया था। चेतावनी दिया था कि पटना नगर निगम सातवां वेतनमान पर रोक नहीं लगने देगा।
आशीष के अनुसार, एक अप्रैल 2018 से सशक्त स्थायी समिति और निगम बोर्ड से पारित प्रस्ताव के बाद सातवां वेतनमान दिया जा रहा है। उस समय करीब 1200 कर्मी थे। वर्तमान में 600 कर्मी कार्यरत हैं। इनसे सातवां वेतनमान की राशि नहीं वसूली जाएगी। बात नहीं बनने पर कर्मचारियों के लिए न्यायालय की शरण में जाने की घोषणा किया गया था।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे कर्मी
डॉ. आशीष कुमार सिन्हा ने आदेश वापस होने पर खुशी प्रकट किया है। दूसरी तरफ पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने इस आदेश को तुगलकी आदेश बताते हुए 16 जून को बिहार राज्य लोकल बॉडी संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की बैठक बुलाई थी। उसमें अनिश्चिकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा करने वाले थे।
पटना नगर निगम और कर्मचारी संगठनों के विरोध के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने अपने आदेश को स्थगित कर दिया है।
चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि मानसून में बिहार की जनता परेशानियों से बच गई। इस आदेश का राज्यभर में जबरदस्त विरोध होने वाला था। उम्मीद है कि राज्य सरकार नगर निकाय के दैनिक कर्मियों की समस्याओं का भी हल करेगी।यह भी पढ़ें: आखिर इतनी जल्दी बिहार क्यों आ रहे पीएम मोदी, क्या होने वाला है बड़ा फैसला या कुछ और?
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