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Bihar Weather: चक्रवात का दिखने लगा असर, इन जगहों पर शुरू हुई झमाझम बारिश; यहां पढ़ें बसंत पंचमी पर कैसा रहेगा मौसम

Bihar Ka Mausam चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र मराठवाड़ा विदर्भ व पंजाव के आसपास बना हुआ है। इनके प्रभाव से 13-15 फरवरी को पटना समेत दक्षिणी भागों के अधिसंख्य भाग में बादल छाए रहने के साथ मेघगर्जन हल्की वर्षा व वज्रपात की चेतावनी है। वहीं कैमूर रोहतास औरंगाबाद एवं गया जिले में मेघ गर्जन व ओलावृष्टि को लेकर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

By Mukul KumarEdited By: Mukul KumarUpdated: Tue, 13 Feb 2024 12:30 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News Today प्रदेश के मौसम में मंगलवार से बड़ा बदलाव होने के आसार दिख रहे हैं। प्रदेश के आकाश में अगले दो दिनों तक बादल छाए रहने की उम्मीद है। वहीं दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग में वर्षा हो सकती है।

वर्तमान में मराठवाड़ा से लेकर पंजाब तक चक्रवात का परिसंचरण बना हुआ है। उसका प्रभाव उत्तर प्रदेश एवं बिहार पर भी पड़ने के आसार हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि राज्य में 13 से 15 फरवरी तक वर्षा के आसार हैं।

सुबह-शाम तापमान में तेजी से गिरावट

मौसम विज्ञानियों का कहना है वर्तमान में सुबह-शाम के तापमान में काफी तेजी से गिरावट आ रही है। दिन में धूप निकलने के बाद अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जा रहा है। वहीं रात में तापमान में गिरावट शुरू होती है तो सुबह होने तक सात डिग्री सेल्सियस तक तापमान गिर जा रहा है।

ऐसे में रात में घर से निकलते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है। सोमवार को मधुबनी राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। वहां पर अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं पूसा में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

गया में बदला मौसम का मिजाज हुई बूंदाबांदी

गया जिले में मंगलवार की सुबह से मौसम का मिजाज बदल गया है। मौसम बदलने के साथ जिले के कई इलाके में बूंदाबांदी हुई है। बारिश होने से ठंड में थोड़ी वृद्धि हुई है।

पटना स्थित मौसम विभाग के वैज्ञानिक शैलेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि दो दिनों तक जिले में बूंदाबांदी बारिश होगी। वही आसमान में बादल छाए रहेंगे। मेघ गर्जना के साथ बारिश होगी। इसके अलावा, शेखपुरा में गरज के साथ मूसलाधार बारिश शुरू है।

कटी फसलों को संरक्षित कर लें

किसान मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक एमडी ओझा का कहना है कि मौसम को देखते हुए किसानों को सावधान रहने की जरूरत है। किसानों को खेती में कटी फसलों को संरक्षित करने लेने की जरूरत है ताकि फसल बर्बाद होने से बच जाए।

उन्होंने कहा कि आलू की तैयार फसल को भी खेतों से निकाल लेना चाहिए, नहीं तो वर्षा के बाद खेतों में पानी लगने पर बर्बाद हो सकता है।

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