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Bihar Weather: देर से लौटेगा मानसून, ठंड के आगमन में भी देरी के आसार; उत्तर बिहार में आज बारिश की संभावना

Bihar Weather Update आठ से 10 अक्टूबर के बीच मानसून लौटने का मानक तिथि है लेकिन इस बार मानसून के 15 अक्टूबर तक वापस लौटने की संभावना है। इसके साथ ही ठंड के आगमन में थोडा विलंब के आसार है। बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा हुई। अक्टूबर में भी अधिकांश हिस्सों में वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है।

By prabhat ranjanEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 06 Oct 2023 07:58 AM (IST)
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Bihar Weather: देर से लौटेगा मानसून, अक्टूबर मध्य तक भारी वर्षा के आसार
प्रभात रंजन, पटना। प्रदेश में मानसून की सक्रियता अक्टूबर के मध्य तक बने रहने की संभावना है। इस दौरान कहीं छिटपुट तो कहीं हल्की व भारी वर्षा के आसार हैं।

मानसून की वापसी को लेकर मौसम विज्ञानी रवींद्र कुमार बताते हैं कि इस बार 15 अक्टूबर तक मानसून के वापस लौटने की संभावना है। वहीं अक्टूबर में भी लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास होगा।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि मानसून के प्रभाव से न्यूनतम व अधिकतम तापमान में सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस वृद्धि की संभावना है। ठंड के आगमन में थोडा विलंब के आसार है।

अगस्त से एल-नीनो मजबूत होना शुरु हुआ था। इसके बढ़ने का सिलसिला सितंबर व अक्टूबर में जारी रहेगा। आमतौर पर आठ से 10 अक्टूबर तक मानसून को वापस लौटने का मानक समय है।

अक्टूबर में अधिकांश हिस्सों में वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है। मौसमविदों की मानें तो हफ्ते भर बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र व चक्रवातीय परिसंचरण के क्षेत्र बने होने के कारण वर्षा की उपस्थिति प्रदेश में बने रहने के आसार है। इसके कारण इसका बुरा प्रभाव खेती-किसानी पर भी पड़ेगा।

फसलों पर पड़ेगा बुरा असर

कृषि विज्ञानी शंभू प्रसाद ने बताया कि अक्टूबर मध्य तक प्रदेश में वर्षा की संभावना से इसका बुरा असर खासतौर पर धान की फसलों पर होगा। मिट्टी गिली होने से धान की फसलों की कटाई में परेशानी होगी। समय पर खेतों से धान की फसलों को काट कर हटाया नहीं गया तो रबी फसल की बुआई में भी देरी होगी।

दलहन व रबी फसल की बुआई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से आरंभ हो जाती है। वहीं, निचली क्षेत्रों में गेंहू की फसल लगाने में भी देरी होगी। इसके साथ-साथ आलू की बुआई पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।

इस वर्ष भी सामान्य से कम हुई वर्षा

बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा हुई। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 34 फीसद कम वर्षा हुई थी।

वहीं इस वर्ष भी सामान्य से 23 फीसद कम वर्षा मानसून सीजन के दौरान दर्ज की गई, जबकि 2021 में सामान्य से तीन फीसद अधिक, 2020 में सामान्य से 25 फीसद अधिक वर्षा दर्ज की गई थी।

मुजफ्फरपुर में रुक-रुक कर होती रही हल्की बारिश

मुजफ्फरपुर में सुबह से आसमान में बादल छाए रहे। दिन में रुक-रुक कर बारिश हल्की बारिश होती रही। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अनुसार, गुरुवार को अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा।

यह सामान्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस कम रहा। न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। यह सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा। मानसून की सक्रियता तीन दिनों तक बनी रहेगी। मौसम वैज्ञानी डॉ. ए सत्तार ने बताया कि अगले तीन दिन के पूर्वानुमान की अवधि में उत्तर बिहार के जिलो में हल्के से मध्यम बादल छाये रह सकते हैं।

अनुकूल मानसूनी प्रभावों के कारण अगले 24 घंटों तक उत्तर बिहार के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की सम्भावना है। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। उसके बाद वर्षा होने की सम्भावना में कमी आने की अनुमान है।

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