बिहार में अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क बना रहेगा। तापमान में उतार-चढ़ाव होगा और सुबह में हल्की धुंध रहेगी। न्यूनतम तापमान 20-23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। दीपावली के बाद प्रदेश के कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) खराब हो गया है जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। बेतिया में एक्यूआइ 171 दर्ज किया गया जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश का मौसम पांच दिनों तक शुष्क बना रहेगा। पछुआ के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। सुबह के समय कुछ स्थानों पर हल्की धुंध की स्थिति बनी रहेगी। न्यूनतम तापमान 20-23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने के कारण इस बार दीपावली पर मौसम असामान्य बना रहा। बीते 24 घंटों के दौरान शेखपुरा, दरभंगा व किशनगंज जिले को छोड़ कर पटना सहित शेष जिलों के तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
कहां कितना रहा तापमान
पटना के न्यूनतम तापमान में दो डिग्री गिरावट के साथ 23.3 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान में सामान्य से तीन डिग्री वृद्धि के साथ 34.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 36.4 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी पुपरी में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
शुक्रवार को पटना सहित 15 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। शुक्रवार को पटना सहित आसपास के क्षेत्रों का मौसम पछुआ के कारण शुष्क बना रहा।
पटाखों के धुएं से हवा प्रदूषित
बिहार के बेतिया का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) का स्तर ठीक नहीं है। दीपावली के अगले दिन शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 171 दर्ज किया गया। जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। नगर के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार की शाम से ही आतिशबाजी शुरू हो गई। यह सिलसिला रात 11 बजे के बाद तक भी चलता रहा।जिसका असर एयर क्वालिटी इंडेक्स पर पड़ा और हवा प्रदूषण हो गई। शुक्रवार को नगर के लालबाजार, कमलनाथ नगर, राज देवढी, छावनी आदि इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 170 के आसपास रहा। चिकित्सकों के अनुसार ऐसे हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
खासकर जो पहले से मरीज है उनके लिए यह प्रदूषित हवा जहर के समान है। शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अमिताभ चौधरी ने बताया प्रदूषित हवा में सांस लेना स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।इससे दिल, स्क्रीन, फेफड़ों की बीमारी होती है। आंखों की रोशनी पर भी इसका असर पड़ता है। हार्ट की बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक से हवा में प्रदूषण की जानकारी मिलती है। सांस लेने के दौरान हमारे शरीर को हवा से आवश्यक आक्सीजन मिलती है। स्वच्छ आक्सीजन युक्त हवा हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। लेकिन हमारे आस-पास की हवा में हानिकारक पदार्थ भी हो सकते हैं, जिन्हें प्रदूषक कहा जाता है।
वायु गुणवत्ता का मतलब हवा में प्रदूषक के स्तर से है। अच्छी वायु गुणवत्ता का अर्थ है कि हवा अपेक्षाकृत स्वच्छ है। खराब या घटिया वायु गुणवत्ता का अर्थ है कि हवा में प्रदूषण हैं, जो हमारे फेफड़ों और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का लेवल
वायु की गुणवत्ता को छह श्रेणियां में बांटा गया है। शून्य से 50 गुणवत्ता सूचकांक का स्तर स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है। जबकि एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से ऊपर जाने पर यह स्वास्थ्य पर खराब असर डालता है।
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