Bihar Weather: बीस सालों का टूटा रिकॉर्ड, 15 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिरा तापमान; प्रदेश में शीतलहर जैसे हालात
Bihar Weather News बिहार में इन दिनों इतनी ठंड पड़ रही है कि शीतलहर जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं । 31 दिसंबर 2003 के बाद रविवार को राजधानी का तापमान सबसे कम रहा। 2003 में पटना का अधिकतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। रविवार को अधिकतम तापमान 13.5 तो न्यूनतम 11.9 डिग्री सेल्सियस रहा ।
By prabhat ranjan Edited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 01 Jan 2024 08:03 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी समेत प्रदेश के अधिसंख्य जिलों में दूसरे दिन भी घने कोहरे का असर रहा। यही स्थिति अगले दो दिनों तक बनी रहेगी। नव वर्ष का आगाज घना कोहरा व ठंड के साथ होगा। रविवार को पटना सहित 17 शहरों के अधिकतम तापमान में भारी गिरावट आने व पछुआ के कारण शीतलहर जैसे हालात बने रहे।
बीते दो दिनों के दौरान पटना के अधिकतम तापमान में नौ डिग्री की गिरावट आई है। पूरे प्रदेश में सबसे कम तापमान राजधानी का रहा। यहां का अधिकतम तापमान 13.5 तो न्यूनतम 11.9 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में 1.6 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा।
2003 के बाद राजधानी का तापमान सबसे कम
मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, 31 दिसंबर 2003 के बाद रविवार को राजधानी का तापमान सबसे कम रहा। 2003 में पटना का अधिकतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विज्ञानी आशीष कुमार ने बताया कि प्रदेश के अधिसंख्य भागों में अगले दो दिनों तक घना कोहरे का प्रभाव बना रहेगा। अधिकतम तापमान में चार से छह डिग्री की गिरावट आने से शीत लहर जैसी स्थिति बनने का पूर्वानुमान है।
प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय
प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही तापमान में तेजी से गिरावट आई है। वहीं, दो से चार जनवरी तक पटना सहित अधिसंख्य भागों में कोहरे छाए रहने के साथ हल्की वर्षा के आसार हैं। पांच जनवरी के बाद से ठंड में काफी वृद्धि होने की संभावना है। रविवार को पटना सहित 26 शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
9.8 डिग्री सेल्सियस के साथ मोतिहारी में सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, 11.9 डिग्री सेल्सियस पटना का न्यूनतम तापमान रहा। वहीं, राजधानी समेत प्रदेश में दूसरे दिन भी ठंड का प्रभाव बना रहा। दूसरे दिन में घना कोहरे की चादर में प्रदेश लिपटा रहा। कई जिलों में शीतलहर जैसी स्थिति बनी रही। दिन में धूप का दर्शन नहीं होने के कारण लोग घरों में दुबके रहे। कोहरे के कारण यातायात भी प्रभावित रहा।