Move to Jagran APP

Wheat Price: बाजार में गेहूं का भाव ज्यादा, सरकारी क्रय में रुचि नहीं ले रहे किसान

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 15 मार्च से अब तक करीब 700 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। राज्य में 5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है। गेहूं की खरीद में तेजी लाने के लिए सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। राज्य में 15 जून गेहूं की सरकारी खरीद होगी।

By Dina Nath Sahani Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 24 Apr 2024 03:37 PM (IST)
Hero Image
बाजार में गेहूं का भाव ज्यादा, सरकारी क्रय में रुचि नहीं ले रहे किसान
दीनानाथ साहनी, पटना। भीषण गर्मी में गेहूं खरीद के मामले में राज्य के तमाम सरकारी क्रय केंद्र हांफ रहे हैं। खुले बाजार में गेहूं बिक्री पर किसानों को ज्यादा भाव मिल रहा है। खेत-खलिहानों से ही अनाज व्यापारी व निजी एजेंसियां गेहूं खरीद रही हैं और प्रति क्विंटल पर 2300 रुपये से लेकर 2400 रुपये तक भुगतान कर रही हैं।

गेहूं की सरकारी खरीद तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल पर हो रही है। ऐसे में गेहूं की कम कीमत मिलने से किसान सरकारी खरीद में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जबकि सरकारी क्रय केंद्रों पर किसानों के इंतजार में प्रबंधक बैठे हैं।

सभी जिलों में गेहूं खरीद में तेजी लाने के दिए गए निर्देश

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 15 मार्च से अब तक करीब 700 टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। राज्य में 5 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है। गेहूं की खरीद में तेजी लाने के लिए सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं। राज्य में 15 जून गेहूं की सरकारी खरीद होगी।

उन्होंने स्वीकार किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा गेहूं का भाव मिलने से किसानों द्वारा खुले बाजार में ही बेच रहे हैं। हालांकि, संबंधित अधिकारी पैक्सों में जाकर गेहूं खरीद की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। गेहूं की सरकारी खरीद को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों के बीच प्रदेश के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के साथ बोनस की भी मांग उठाई है।

गेहूं खरीद की वास्तविक हकीकत परख कर वापस लौटे नोडल अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में इसकी चर्चा की है। छपरा के रौजा निवासी किसान मनोज सिंह का कहना है कि किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ बोनस देने की मांग की थी, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

जिलों में एक प्रतिशत से भी गेहूं की हुई खरीद

गेहूं की सरकारी खरीद के सरकार से उपलब्ध आंकड़ों का आकलन करें तो सरकारी खरीद बेहद निराशाजनक है। सभी 38 जिलों में सरकारी क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। इन केंद्रों पर अब तक मात्र 179 किसान ही गेहूं बेचने पहुंचे हैं। यही वजह है कि सभी जिलों में बीते 40 दिनों में एक प्रतिशत (मात्र 0.15) से भी कम गेहूं खरीद हो पायी है। जबकि राज्य में 5464 पैक्सों एवं व्यापार मंडलों को 3 लाख 50 हजार टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला हुआ है।

इससे इतर केंद्रीय एजेंसी (एफसीआइ, नेफेड) को बिहार में एक लाख 50 हजार टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य है। केंद्रीय एजेंसी ने कितनी मात्रा में गेहूं खरीद की है, इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हुए हैं। बहरहाल, अगले 52 दिनों में पैक्सों व व्यापार मंडलों को अपना लक्ष्य हासिल करना है। गेहूं क्रय की कच्छप गति को देखते हुए इस लक्ष्य पाना बेहद मुश्किल दिख रहा है। 15 मार्च से गेहूं खरीद शुरू हुई है, जो 15 जून तक होगा।

बाजार में अनाज व्यापारी गेहूं का भाव ज्यादा दे रहे हैं। इसके कारण किसान पैक्स में गेहूं बेचने नहीं आ रहे हैं। पैक्स में हम न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान कर रहे हैं। इससे किसानों की आमद नहीं है। - देव रतन (पैक्स अध्यक्ष, नालंदा)

ये भी पढ़ें- Misa Bharti: 'NDA को चुन लो', तेजस्वी यादव के बयान पर मीसा भारती ने जताई आपत्ति! बोलीं- ऐसी बात...

ये भी पढ़ें- Misa Bharti Name History: मीसा भारती का नाम 'मीसा' कैसे पड़ा? जेपी नड्डा बोले- जब Lalu Yadav जेल में थे...

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।