BJP और JDU के बीच बराबरी से बंटेंगे बोर्ड और आयोग के अध्यक्ष पद, चिराग पासवान को क्या मिलेगा?
बिहार में सरकारी बोर्ड और आयोगों का पुनर्गठन होने जा रहा है। इनकी संख्या 20 तक हो सकती है। इनमें युवा और व्यापार आयोग नाम के दो नए आयोग भी शामिल होंगे। भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) के बीच बोर्ड-आयोग का अध्यक्ष पद बराबरी से बंटने जा रहा है। भाजपा को उसके हिस्से के बोर्ड-आयोग की सूची दे दी गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सरकारी बोर्ड और आयोगों का पुनर्गठन होने जा रहा है। इनकी संख्या 20 तक हो सकती है। इनमें युवा और व्यापार आयोग नाम के दो नए आयोग भी शामिल होने वाले हैं। भाजपा शासित राज्यों में ये दोनों आयोग पहले से कार्यरत हैं। संयोग से ये दोनों आयोग भाजपा के हिस्से में आएंगे। राजग के दो घटक दलों-भाजपा और जदयू के बीच बोर्ड-आयोग का अध्यक्ष पद बराबरी से बंटने जा रहा है।
भाजपा को उसके हिस्से के बोर्ड-आयोग की सूची दे दी गई है। सदस्य के कुछ पद लोजपा (रा), रालोसपा और रालोमो को भी दिए जा सकते हैं। जदयू की सूची तैयार है। भाजपा और अन्य दलों से अध्यक्षों-सदस्यों की सूची मिलते ही मनोनयन की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
जनवरी में महागठबंधन से अलग हुए थे नीतीश कुमार
इसके माध्यम से सत्तारूढ़ दलों के करीब डेढ़ सौ नेताओं-कार्यकर्ताओं को राज्य मंत्री, उप मंत्री का दर्जा, वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। इस साल जनवरी में सरकार का महागठबंधन से अलगाव हुआ था, संविधानिक आयोगों को छोड़ कर अधिसंख्य बोर्ड और आयोग भंग हो गए थे।अगले साल विधानसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए राज्य सरकार मनोनयन वाले पदों को भरने की तैयारी कर रही है। इससे पहले राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समितियों का गठन किया गया। इनमें राजग के घटक दलों के हजार से अधिक कार्यकर्ता-नेता जगह पा गए। इस समय प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समितियों के गठन की तैयारी भी चल रही है।ये भाजपा के हिस्से के हैं
किसान आयोग, सवर्ण आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, बाल श्रमिक आयोग, सुन्नी वक्फ बोर्ड, पिछड़ा वर्ग आयोग, युवा आयोग, व्यापार आयोग एवं संस्कृत शिक्षा बोर्ड।
इनके अध्यक्ष जदयू के होंगेमहिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, अति पिछड़ा आयोग, महादलित आयोग, खाद्य संरक्षण आयोग, शिया वक्फ बोर्ड, बाल संरक्षण आयोग, मदरसा शिक्षा बोर्ड एवं नागरिक परिषद।
आयोग और बोर्ड के अध्यक्ष को बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को उसके सदस्य के समकक्ष वेतन, भत्ता एवं अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। राज्य सरकार अपने विवेक से मंत्री, राज्यमंत्री और उप मंत्री का दर्जा भी देती है।
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