Ayodhya Ram Mandir : 'ये सीजनल हिंदू हैं.. अयोध्या जाने की नैतिकता नहीं', BJP 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से दूरी बनाने को लेकर कांग्रेस पर भड़की
अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सियासी माहौल गर्म है। कांग्रेस नेताओं के इस समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने के बाद नेताओं की बयानबाजी और तेज हो गई है। इसी क्रम में बिहार के बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उनके अलावा रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस को घेरा है।
एएनआई, पटना। कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बृहस्पतिवार को जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को 'सीजनल हिंदू' बताया।
गिरिरराज सिंह ने कहा कि ये लोग सीजनल हिंदू हैं, जब उन्हें लगता है कि उन्हें वोट लेना है तो वे सॉफ्ट हिंदू बनने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में तो जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक कोई अयोध्या नहीं गया है। मामले को कोर्ट में लटकाने का काम तो कांग्रेस पार्टी ने ही किया था, इसलिए इनमें अयोध्या जाने की नैतिक ताकत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इतनी भी नैतिक ताकत नहीं है कि अयोध्या में जाकर भगवान राम को प्रणाम कर लें। कांग्रेस नेतृत्व में नैतिक ताकत नहीं है।
सिंह ने कहा कि जो लोग राज्यों में हैं, कांग्रेस के लोग वो भी अपनी पार्टी का विरोध कर रहे हैं। हमें कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोलना है। कांग्रेस अपने आप से समाप्त होने वाली पार्टी है।
आज कहां सिमट गई कांग्रेस : प्रसाद
इधर, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने को लेकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, पीड़ादायक और शर्मनायक है... इन्होंने सदैव राम जन्मभूमि का विरोध किया था... कांग्रेस पार्टी ने देश में राज किया था फिर भी आज कहां सिमट गई है।
आगे चुनाव में भी इनका सूपड़ा साफ होगा। यह कोई संघ का कार्यक्रम है? यह राष्ट्र का कार्यक्रम है, पूरी दुनिया इसकी प्रतीक्षा कर रही है...।
राजद ने कर दिया गांधी का जिक्र
उधर, दिल्ली में राजद सांसद मनोज झा ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए महात्मा गांधी का उदाहरण दे डाला है। अब इसे लेकर अलग सियासी बयानबाजी और तेज हो सकती है।
मनोज झा ने कहा कि मेरे और श्रीराम के बीच सीधा ताल्लुक है। गांधी मंदिर जाकर राम भक्त नहीं बनते थे, वह अवधारणा अंदर थी, इसलिए स्वर्ग गए और हे राम कहते हुए गए...आप हैं कौन?
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे और मेरे ईश्वर के बीच यह जो ठेकेदारी का सिस्टम विकसित किया गया है, वह हिंदू धर्म का भी कभी स्वभाव नहीं रहा है।
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