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'माफी नहीं इस्तीफा चाहिए', Nitish Kumar की सॉरी BJP को कबूल नहीं; भद्दी-ओछी और गंदी बातों पर यूं उखड़े अश्विनी चौबे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने विवादित बयान को लेकर बुरी तरह से फंस गए हैं। अधिकांश पार्टियों के नेता उनकी निंदा कर रहे हैं। मंगलवार को दिए बयान पर बुधवार को भी सियासी घमासान जारी रहा। नीतीश कुमार ने माफी भी मांगी लेकिन उसका कोई खास असर नहीं पड़ा। बीजेपी ने साफ कह दिया कि नीतीश कुमार की माफी नहीं इस्तीफा चाहिए।

By Edited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 07:47 PM (IST)
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'माफी नहीं इस्तीफा चाहिए', नीतीश कुमार की सॉरी बीजेपी को कबूल नहीं (फोटो- जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। Nitish Kumar Controversy मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सार्वजनिक माफी मांगे जाने के बाद भी बुधवार को विधान परिषद के अंदर और बाहर भाजपा का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा। कई बार जदयू और भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। नतीजा दिन भर सदन बमुश्किल 20-25 मिनट ही चल सका। इसमें भी भाजपा के सदस्य वेल में लगातार हंगामा और नारेबाजी करते रहे। 'माफी नहीं, इस्तीफा चाहिए' का नारा लगता रहा।

बुधवार की सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने ही निवेदिता सिंह ने कहा कि सीएम का वक्तव्य कहीं से भी शोभनीय नहीं है। इसी बीच जदयू सदस्य मो. सोहेब एवं खालिद अनवर समेत अन्य ने आपत्ति जताई। मगर दिलीप जायसवाल, नवलकिशोर यादव समेत अन्य भाजपा सदस्यों ने सीट से खड़े होकर उन्हें चुप करा दिया।

इसके बाद भाजपा सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद अपना कथन वापस लेकर माफी मांग ली है। उन्होंने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से कहा कि अगर कोई असंसदीय बात कही गई है, तो उसे सदन की कार्यवाही से आप निकाल दीजिए। सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष भी नहीं रख सके अपनी बात

हंगामे के दौरान सदन के नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी बोलने के लिए खड़े हुए। इस पर सभापति वेल में नारेबाजी कर रहे भाजपा सदस्यों से बोले कि अपने नेता की बात तो सुन लीजिए। उन्हें बोलने दीजिए मगर इसके बावजूद नारेबाजी जारी रही। इस पर सभापति ने हरि सहनी से कहा कि मुझे कुछ नहीं सुनाई दे रहा है।

अशोक व सम्राट के बीच भी तीखी बहस

विधान परिषद में मुख्यमंत्री के माफी मांगे जाने के दौरान भी जब वेल में नारेबाजी नहीं रुकी तो अशोक चौधरी समेत अन्य जदयू नेताओें ने कड़ी आपत्ति जताई। इस बीच भाजपा के सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। सम्राट चौधरी ने कहा कि हमें कुछ भी नहीं सुनना है। हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे के लिए स्थगित कर दी।

काले गमछे के साथ पहुंचे भाजपाई

दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा सदस्य काला गमछा लेकर पहुंचे और फिर से वेल में हंगामा करने लगे। इसी बीच प्रभारी मंत्री लेशी सिंह ने बिहार राज्य सेवा प्राधिकार का लेखा परीक्षा प्रतिवेदन, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम का वार्षिक प्रतिवेदन की प्रति सदन की मेज पर रखी। पांच मिनट बाद ही सदन फिर स्थगित कर दिया गया। दूसरी पाली में भी बमुश्किल सदन दस मिनट चला। भाजपा सदस्यों के विरोध में जदयू की ओर से नीरज कुमार ने कमान संभाली। हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने साधा निशाना

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "बिहार के सीएम ने न केवल बिहार को बल्कि पूरे देश को शर्मसार किया है... उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। जिसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है वह सीएम बनने के लायक नहीं है... उन्होंने अपना पद कलंकित कर लिया है... INDIA गठबंधन महिला विरोधी है।"

चौबे ने आगे कहा, "यह 'ठग-बंधन' है। भ्रष्ट लोगों और ऐसे लोगों को बचाने के लिए जो अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं... यही INDIA गठबंधन का चरित्र है जो अब सामने आ गया है... उन्हें इस्तीफा देना होगा। 'पलटू-राम' अब अपनी बात से पीछे हट रहे हैं।" उन्होंने ये भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने सदन में भद्दी-ओछी और गंदी बातें की हैं। उन्हें माफ नहीं किया जा सकता।

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