बिहार भाजपा के महामंत्री मिथिलेश तिवारी ने पटना की अदालत में बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह के खिलाफ परिवाद पत्र दायर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुधाकर सिंह ने एक इंटरव्यू में उनके खिलाफ आधारहीन और असत्य कथन कहे जो आपराधिक मानहानि का अपराध है। मिथिलेश तिवारी ने पहले सुधाकर सिंह को कानूनी नोटिस देकर माफी मांगने को कहा था लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार भाजपा के महामंत्री और लोकसभा चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी रहे मिथिलेश तिवारी ने पटना की एक अदालत में बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह के खिलाफ आधारहीन और असत्य कथन कहने का आरोप लगाते हुए एक परिवाद पत्र दायर किया है।
पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता राधेश कुमार शर्मा द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद पत्र संख्या 13659/2024 में भाजपा के महामंत्री तिवारी ने कहा है कि बक्सर के सांसद ने गलतबयानी कर मेरे खिलाफ गलत बात कही है, जो आपराधिक मानहानि का अपराध है।
इंटरव्यू में सुधाकर सिंह ने कही थी ये बात
उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह ने 29.10.2024 को एक ऑनलाइन चैनल पर एक इंटरव्यू में कहा कि बक्सर में मैंने 12 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है। इस दौरान उन्होंने मेरे खिलाफ असंसदीय, असत्य, अपमानजनक और आधारहीन आरोपों का भी प्रयोग किया है।इससे पहले भी मैंने अधिवक्ता राधेश कुमार शर्मा के माध्यम से 1.10.2024 को ही कानूनी नोटिस देकर एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का समय दिया था।
दिनांक 5.10.2024 को सांसद को मेरे अधिवक्ता द्वारा भेजी गई लीगल नोटिस मिल गई, इसके बावजूद उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। तत्पश्चात मैनें पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद पत्र दायर किया है।
इंटरव्यू का साक्ष्य भी कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया
तिवारी ने बक्सर सांसद के इस इंटरव्यू की सीडी भी न्यायालय के समक्ष उपलब्ध करवाया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह का झूठा बयान एक सांसद का होगा, ये न्यायालय को तय करना है।
इनकी नीयत केवल मेरी मानहानि का ही नहीं बल्कि झूठे आरोपों से बक्सर में मेरे परिवार, मेरे शुभचिंतकों को भी स्थानीय लोगों की नजरों में गिराने और जांच एजेंसियों की नजरों में झूठे मुकदमों में फंसाने की है। उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कहा है कि सभी दस्तावेजी साक्ष्य, सी.डी मैंने न्यायालय को उपलब्ध करा दिया है और आशा है कि न्यायालय के द्वारा आरोपी के खिलाफ अवश्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें : नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को धान अधिप्राप्ति को ले समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलावार लक्ष्य निर्धारित करें।धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ करने वालों पर भी नजर रखी जाए। अधिप्राप्ति का काम तेजी से और बेहतर ढंग से हो ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो।
मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ. एन सरवन कुमार ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि व अधिप्राप्ति के लक्ष्य के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने बताया कि सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि एक नवंबर से 15 फरवरी तक रखा गया है। चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है। इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या अब बढ़कर 360 हो गयी है। सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने धान अधिप्राप्ति की कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी।उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 19 जिलों में एक नवंबर से धान अधिप्राप्ति का काम आरंभ गया है। वहीं शेष बचे जिलों में 15 नवंबर से धान अधिप्राप्ति का काम आरंभ होगा।मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, मु्ख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. एस सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार व विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह भी मौजूद थे।
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