Lok Sabha Election 2024: जीत के लिए बिहार BJP का प्लान, सहयोगियों की सीटों पर भी अपनी ओर से करेगी तैयारी
40 वरिष्ठ नेताओं के अगुवाई में प्रत्येक लोकसभा सीट पर 50-50 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की फील्डिंग सजाई गई है। पार्टी नेतृत्व ने पिछले चार चुनावों (2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव और 2015 व 2020 के विधानसभा चुनाव) के परिणाम पर कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के अनुसार कमजाेर बूथों को साधने की तैयारी की है। पार्टी के लक्ष्य के हिसाब से कमजोर बूथों पर शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन मिलेगा।
रमण शुक्ला, पटना: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की बिहार इकाई सूक्ष्म प्रबंधन के तहत हर सीट पर तैयारी करेगी। इसके दायरे में वे सीटें भी आएंगी, जो सहयोगी दलों के खाते में जा सकती हैं। बिहार विजय के लक्ष्य के साथ प्रदेश की सभी 40 लोकसभा सीटों पर पार्टी माह में दो बार बैठक करेगी। बैठक में लोकसभा प्रभारी के अलावा पार्टी विस्तारक चुनावी उद्देश्य से जमीनी वस्तुस्थिति पर चर्चा करेंगे।
संसदीय सीटों की एक-एक विधानसभा, संगठनात्मक मंडल और शक्ति केंद्र से लेकर बूथों पर सीधी नजर रखने के लिए पार्टी की ओर से फुलप्रुफ हाईटेक योजना बनाई गई है। कमजोर बूथों को मजबूत करने की जिम्मेदारी अभी से तय होगी।
भूमिगत रूप से संगठन गढ़ने वाले कार्यकर्ताओं को मौका
चेहरा चमकाने के बजाए भूमिगत रूप से संगठन गढ़ने वाले कार्यकर्ताओं को श्रेष्ठ प्रदर्शन का दायित्व सौंपा जा रहा है। इसी कड़ी में 40 वरिष्ठ नेताओं के अगुवाई में प्रत्येक लोकसभा सीट पर 50-50 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की फील्डिंग सजाई गई है।
पार्टी नेतृत्व ने पिछले चार चुनावों (2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव और 2015 व 2020 के विधानसभा चुनाव) के परिणाम पर कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के अनुसार कमजाेर बूथों को साधने की तैयारी की है। पार्टी के लक्ष्य के हिसाब से कमजोर बूथों पर शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन मिलेगा। सरल एप पर पार्टी के पास पहले से ही एक-एक बूथ पूरी जानकारी उपलब्ध है। बूथ स्तर की मानीटरिंग प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो गई है।
भाजपा की पैनी नजर वर्तमान में विपक्षी दल यानी कि जदयू की सीटों पर है। साथ ही चुनाव के दौरान राजद, कांग्रेस और वामदलों के खाते में जाने वाली सीटों के लिहाज से समीकरण साधा जा रहा। इसी रणनीति के तहत लोकसभा प्रभारियों और संयोजकों को आगे बढ़ने का निर्देश है। इस समीकरण का आखिरी लक्ष्य लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की जीत के लिए पृष्ठभूमि बनाना है।
जनमत जुटाने वाले मुद्दे होंगे आगे
इसी उद्देश्य से भाजपा आगामी आंदोलन के लिए उन्हीं मुद्दों व विषयों को लेकर आगे बढ़ेगी, जिन पर सहजता से जनमत जुटाया जा सके। लोकसभा के उन क्षेत्रों पर विशेष फोकस रहेगा, जो अभी जदयू के कब्जे में हैं और जहां पिछले चुनावों में भाजपा की संभावना बलवती नहीं रही है।
चुनावी रणनीति से संबंधित सूक्ष्म प्रबंधन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए लोकसभा प्रभारी और संयोजक से लेकर शक्ति केंद्र और बूथ प्रभारी बनाए गए हैं।