BPSC परीक्षा में 1 अंक से छंट गई आवेदिका, न्याय के लिए पहुंची हाई कोर्ट; अब आयोग को देना होगा जवाब
एपीओ परीक्षा में सही उत्तर देने के बावजूद अंक नहीं देने के मामले में बीपीएससी से जवाब तलब किया गया है। पटना हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश दिया है। दरअसल बीपीएससी ने एपीओ की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली थी। जिसका रिजल्ट दिसंबर 2023 में जारी किया गया था। इसमें एक आवेदिका को मात्र एक नंबर से छांट दिया गया। जिसपर वह हाई कोर्ट तक पहुंच गई।
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने सहायक अभियोजन पदाधिकारी (एपीओ) परीक्षा में सही उत्तर देने के बावजूद अंक नहीं देने के मामले में बीपीएससी से जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश डॉ. अंशुमान की एकल पीठ ने आवेदिका हुमा प्रवीण की याचिका पर वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा की दलील को सुनने के बाद उक्त आदेश दिया।
वर्मा ने कोर्ट को बताया कि बीपीएससी ने 553 एपीओ की नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार देने के बाद बीपीएससी ने 19 दिसंबर, 2023 को अंक पत्र जारी किया था।
उन्होंने कहा कि आवेदिका ने 407 अंक प्राप्त किया। सौ अंक के सामान्य अध्ययन में आवेदिका को 69 अंक दिए गए, जबकि उसके अनुसार 73 अंक मिलने चाहिए थे।
उन्होंने कहा कि बीपीएससी ने कटऑफ 408 अंक जारी किया। मात्र एक अंक से उसे असफल घोषित कर दिया गया। आवेदिका ने आयोग के समक्ष विस्तृत अभ्यावेदन देकर उतर पुस्तिका का समीक्षा करने की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सूचना के अधिकार के तहत आवेदिका ने की उत्तर पुस्तिका की मांग
इसके बाद आवेदिका ने सूचना के अधिकार कानून के तहत उत्तर पुस्तिका की मांग की। आयोग की ओर से दी गई उतर पुस्तिका में प्रश्न संख्या 6एफ, 10ए, 14डी और 14ई का कोई अंक नहीं दिया गया है।
यही नहीं प्रश्न संख्या-2 का सही जवाब देने के बावजूद आयोग ने एक अंक दिया है, जबकि उसे दो अंक मिलने चाहिए था। इस प्रकार उसे 413 अंक मिलने चाहिए थे। जो कटआफ से छह अंक ज्यादा है।
आयोग के गलत मार्किंग के कारण वह एपीओ पद पर सफल होने के बजाय असफल हो गई। इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
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