BPSC Paper Leak: हो गया खुलासा! पटना से नवादा जाते हुए लीक हुआ था पेपर, इस रेस्टोरेंट में हुआ 'खेल'
आर्थिक अपराध इकाई ने पूरे पेपर लीक का उद्भेदन कर दिया है। ईओयू अधिकारियों के अनुसार इस पेपर लीक का मास्टरमाइंड उज्जैन से गिरफ्तार हो चुका अंतरराज्यीय प्रश्न-पत्र गिरोह का सरगना डॉ. शिव है। बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं में भी इस गिरोह के सदस्यों की भूमिका सामने आई है। इस मामले में कुरियर कंपनी के मुंशी समेत अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की परीक्षा (टीआरई-तीन) का प्रश्न-पत्र परीक्षा से तीन दिन पहले ही लीक हो चुका था। प्रश्नपत्रों को ट्र्रांसपोर्ट के माध्यम से पटना से नवादा भेजा जा रहा था, इसी दौरान कुरियर कंपनी और ड्राइवर के सांठ-गांठ से नगरनौसा के बुद्धा फैमिली रेस्तरां में प्रश्न-पत्र को स्कैन कर लिया गया।
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने पूरे पेपर लीक का उद्भेदन कर दिया है। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, इस पेपर लीक का मास्टरमाइंड उज्जैन से गिरफ्तार हो चुका अंतरराज्यीय प्रश्न-पत्र गिरोह का सरगना डॉ. शिव है। बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं में भी इस गिरोह के सदस्यों की भूमिका सामने आई है।
इस मामले में कुरियर कंपनी के मुंशी समेत अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया है। ईओयू के अनुसार, पेपरलीक मामले में उज्जैन से गिरफ्तार शिव ओर उसके गिरोह के सदस्यों बल्ली उर्फ संदीप, प्रदीप, तेज प्रकाश और सौम्या से कई चरणों में हुई पूछताछ में पूरे कांड का उद्भेदन किया जा सका।
सभी ने बताया कि यह कई वर्षों से प्रश्न-पत्र लीक करवाने के धंधे में लगे हैं, जिससे इन्हें मोटी कमाई होती है। यह लगातार इस टोह में रहते हैं कि किस राज्य के किस प्रिंटिंग प्रेस में प्रश्न-पत्र की छपाई की जा रही है। प्रश्नपत्रों के परिवहन की क्या व्यवस्था है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन्हें पता चल गया था कि प्रश्न-पत्र के परिवहन की जिम्मेदारी डीटीडीसी कुरियर कंपनी को मिली है। इसके लिए कुछ गाड़ियां श्रीनिवास चौधरी से भी ली जानी थी।
श्रीनिवास चौधरी अक्सर लॉजिस्टिक कंपनियों को अपनी गाड़ियां उपलब्ध कराते हैं। गिरोह ने श्रीनिवास चौधरी को मैनेज करने के लिए जेनिथ लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कुरियर कंपनी के मुंशी राहुल पासवान को लगाया। राहुल पटना के बाईपास के पास मिर्चा-मिर्ची मोहल्ले का रहने वाला है। परीक्षा 15 मार्च को थी।
प्रश्न-पत्र की पेटी 12 मार्च को डीटीडीसी, पटना से श्रीनिवास चौधरी के वाहनों पर लोड होने के बाद नवादा के लिए निकली। गाड़ी के ड्राइवर रामभवन पासवान को भी मोटी रकम का लालच देकर तैयार कर लिया गया। गाड़ी जब नगरनौसा के बुद्धा फैमिली रेस्तरां पहुंची तो वहां पहले से ही मास्टरमाइंड डॉ. शिव, उसके पिता संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया और गिरोह के अन्य सदस्य मौजूद थे।
जांच टीम के अनुसार, होटल मालिक अवधेश कुमार की जानकारी में सभी ने खास टूल से प्रश्न-पत्र की पेटी खोली और उसे स्कैन कर लिया। इसके बाद दस से 12 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थियों से वसूली कर हजारीबाग समेत अन्य होटल, रिर्जाट व अन्य सुरक्षित जगहों पर उत्तर याद करवाया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों को गिरोह ने अपनी अभिरक्षा में परीक्षा केंद्र पहुंचाया। हजारीबाग के कोहिनूर होटल से 250 से अधिक की गिरफ्तारी इसी सिलसिले में हुई थी।
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