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BPSC TRE: 'सरकार बताए कितने नए अभ्यर्थियों की हुई नियुक्ति', शिक्षक भर्ती पर उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठाया सवाल

राजधानी पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को 1.20 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ गठबंधन में इसका क्रेडिट लेने की होड़ मची है वहीं विपक्षी दल नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा सरकार को बताना चाहिए कि शिक्षक भर्ती में बिहार के कितने अभ्यर्थियों की नई नियुक्ति की गई है।

By Sunil RajEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 02 Nov 2023 11:17 PM (IST)
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बिहार के कितने युवाओं को मिली नौकरी: उपेंद्र कुशवाहा। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। गांधी मैदान में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाने के बाद राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि युवाओं को नौकरी मिल रही है, हमें भी इस बात की खुशी है; लेकिन सरकार को कुछ बातें सभी के सामने जरूर रखनी चाहिए।

शिक्षक भर्ती में नई नियुक्तियां कितनी?

सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर उन्होंने लिखा कि सरकार को बताना चाहिए कि शिक्षक भर्ती में कितने अभ्यर्थियों की नई नियुक्ति की गई है।

उन्होंने लिखा कि मीडिया के माध्यम से हम लोगों तक जो जानकारी पहुंच रही है; उसके अनुसार इस भर्ती में 40 से 45 हजार नियोजित शिक्षकों को इसमें शामिल किया गया है।

बिहार के कितने युवाओं को मिली नौकरी

कुशवाहा ने लिखा कि जो जानाकरी हमें प्राप्त हुई है उसके अनुसार डोमिसाइल नीति नहीं लागू करने के कारण 20 से 25 हजार अन्य राज्यों के युवाओं को इस भर्ती में नौकरी मिली है। सरकार को बताना चाहिए कि इस भर्ती में बिहार के कितने युवाओं को नौकरी मिली है।

सामाजिक न्याय की बात करने वाले बताएं...

कुशवाहा ने पूछा कि सामाजिक न्याय की बात करने वालों को यह भी बताना चाहिए कि किस वर्ग कितने अभ्यर्थियों को इस नियुक्ति के माध्यम से नौकरी मिली है, तभी तो सामाजिक न्याय का सच पता चलेगा।

नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगर भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है, तो जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें महिलाएं और दिव्यांग भी शामिल हैं, वो कौन हैं।

नियुक्ति पत्र बांटने में जल्दबाजी क्यों?

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जब आप शिक्षकों का स्कूल आवंटन एक महीने बाद करने वाले हैं, दस्तावेज की जांच भी आपकी अधूरी है, तमाम गड़बडियों को लेकर अभ्यर्थी आपसे गुहार कर रहे हैं। ऐसे में नियुक्ति पत्र बांटने की इतनी जल्दबाजी क्यों है? लालू-नीतीश सरकार को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए।

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