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Patna News: बेहोश होने पर होश में लाकर मारा... फुलवारीशरीफ पुलिस की अभिरक्षा में पिटाई से मेधावी युवक की गई जान

Patna News पटना में पुलिस की क्रूरता का नया मामला सामने आया है। रविवार की रात पुलिस अभिरक्षा में बेरहमी से पिटाई के कारण 32 वर्षीय मेधावी युवक जीतेश कुमार की मौत हो गई। वह बीपीएससी की मेंस परीक्षा दो बार क्वालिफाई कर चुके थे। मामले पर पर्दा डालने के लिए पुलिस ने एम्स पटना में उपचार के क्रम में मृत्यु होने की बात कही।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 02 Apr 2024 08:03 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। पटना पुलिस की कारगुजारियां इन दिनों चर्चा का विषय बन गई हैं। कभी सामूहिक दुष्कर्म के मामले को छेड़छाड़ बताया गया तो कभी फायरिंग करने वाले सटोरियों से थाने का निजी चालक समझौता कराने में जुटा रहा।

अब सोमवार को ताजा मामला सामने आया है, रविवार की रात पुलिस अभिरक्षा में बेरहमी से पिटाई के कारण 32 वर्षीय मेधावी युवक जीतेश कुमार की मौत हो गई। वह बीपीएससी की मेंस परीक्षा दो बार क्वालिफाई कर चुके थे।

मामले पर पर्दा डालने के लिए पुलिस ने एम्स, पटना में उपचार के क्रम में मृत्यु होने की बात कही, लेकिन जीतेश को मृत्यु के उपरांत अस्पताल पहुंचाया गया था। उनके साथ हिरासत में लिए गए दो दोस्तों राहुल कुमार एवं मुकेश कुमार को पुलिस ने मुक्त कर दिया। इन दोनों को भी पीटा गया था।

बड़ी बात यह कि जीतेश को उनके रिश्तेदार के अपहरण के संदेह में उठाया गया था। सिटी एसपी (पश्चिमी) अभिनव धीमान का कहना है कि दंडाधिकारी के समक्ष मृत शरीर का पंचनामा किया गया। मेडिकल बोर्ड की निगरानी में पीएमसीएच में पोस्टमार्टम किया गया है।

इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की मानक प्रक्रिया के तहत न्यायिक जांच कराई जाएगी। जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुरूप कार्रवाई होगी। जीतेश के पिता श्रीराम सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। इनके बयान पर सोमवार की देर शाम फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी की गई है।

इसमें उनके पुत्र पर अपहरण का केस कराने वाले रिश्तेदार समेत पुलिसकर्मियों पर साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया गया है। इस केस के अनुसंधान का जिम्मा दानापुर सर्किल इंस्पेक्टर को दिया गया है। केस का पर्यवेक्षण सिटी एसपी स्वयं करेंगे। परिवार औरंगाबाद का मूल निवासी है।

रिश्तेदार के बेटे के अपहरण का था आरोप

बताया जाता है कि कटिहार के बारसोई में रेलवे तकनीशियन सुरेंद्र सिंह ने गत सात जनवरी को 28 वर्षीय बेटे सुशील कुमार के अपहरण की प्राथमिकी फुलवारीशरीफ थाने में कराई थी। सुरेंद्र व जीतेश रिश्तेदार हैं। सुरेंद्र का घर फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुर इलाके में है।

सुरेंद्र ने राजीव नगर थानांतर्गत नेपाली नगर निवासी जीतेश कुमार एवं मसौढ़ी निवासी बिट्टू ठाकुर पर अपहरण करने का संदेह जाहिर किया था।

जीतेश के स्वजन बताते हैं कि इस मामले में पुलिस ने उन्हें कई बार थाने पर बुला कर पूछताछ की थी, परंतु किसी तरह का साक्ष्य नहीं मिला था। पुलिस के बुलावे पर जीतेश स्वयं थाने जाते थे।

एसडीपीओ के आवास पर पिटाई से हुए अचेत

जीतेश के साथ हिरासत में लिए गए मुकेश ने बताया कि वे रविवार की शाम बांस घाट क्षेत्र में एक वकील से मिलने गए थे। वहीं से फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस ने उन्हें उठा लिया और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के आवास पर लेकर गए। वहां तीनों को अलग-अलग कमरे में बंद कर दिया।

इसके बाद जीतेश की बेरहमी से पिटाई करने लगे। उन्हें और राहुल को भी पीटा गया। रात लगभग 11 बजे राहुल व मुकेश को जीतेश के कमरे में लाया गया, जहां वे बिना कपड़ों के फर्श पर अचेत अवस्था में पड़े थे। बैरक में ले जाकर पुलिसकर्मियों ने राहुल व मुकेश से पानी गर्म करवाया। राहुल ने गर्म पानी से जीतेश के बदन को पोछा, फिर उसे कपड़े पहनाए गए। फिर भी जीतेश को होश नहीं आया।

डॉक्टर ने कहा, ठीक करना मेरे बूते की बात नहीं

बकौल मुकेश, देर रात एक डॉक्टर को जीतेश के कमरे में बुलाया गया था। उन्होंने नब्ज टटोली, फिर कहा- इसे ठीक करना मेरे बूते की बात नहीं है, आप अस्पताल लेकर जाइए।

आनन-फानन में तीनों (जीतेश, राहुल व मुकेश) को बगल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जीतेश को भर्ती करने से इनकार कर दिया।

इसके बाद उन्हें एम्स, पटना लेकर गए। वहां डाक्टर ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया। तब वे शव को पीएमसीएच लेकर आ गए।

राजीव नगर थाने ने दी गलत सूचना

जीतेश के भाई नितेश ने बताया कि वे दिल्ली में रहते हैं। राजीव नगर थाने की पुलिस ने रविवार की देर रात मां को काल कर बताया था कि आपके बेटे की तबीयत बिगड़ गई थी, इसलिए फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। किस अस्पताल में भर्ती कराया है, यह नहीं बताया गया।

इस बीच राहुल ने कॉल कर बता दिया कि पुलिस की पिटाई से जीतेश की मौत हो गई है। सूचना पाकर जीतेश के भाई दिल्ली से आए तो उन्होंने देखा कि शव पीएमसीएच में पड़ा है।

सिटी एसपी से भी उन्होंने इस बारे में बात की तो कहा गया कि जांच चल रही है। उनका आरोप है कि जीतेश के साथ हिरासत में लिए गए राहुल व मुकेश को धमकाया गया है कि वे किस प्रकार का बयान या गवाही नहीं देंगे, अन्यथा बुरा परिणाम भुगतना पड़ेगा।

दोषी पुलिसकर्मियों को मिले फांसी की सजा

भाई ने बताया कि जीतेश होनहार छात्र थे। उन्होंने दो बार बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की मेंस परीक्षा क्वालिफाई की थी। पुलिस ने बेहोश होने पर होश में लाकर पीटा। दम तोड़ने तक पुलिसकर्मी प्रताड़ित करते रहे। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान कर फांसी की सजा देने की मांग की है।

उन्होंने ई-मेल के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई है। कहा कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी कर जांच शुरू नहीं हुई तो वे परिवार के साथ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।

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