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'हमारी जाति की गणना गलत हुई..', CM नीतीश कुमार के मंत्रियों को क्यों आ रहे ऐसे फोन, कांग्रेस ने भी उठाया सवाल

Bihar Caste Based Survey बिहार सरकार की ओर से कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी होने के बाद इन्हें लेकर विवाद उठ रहा है। विपक्षी दल भाजपा ने तो नीतीश सरकार को इस पर जमकर घेरा ही है। वहीं अब कांग्रेस पार्टी ने भी इस पर सवाल उठाया है। इस गणना को लेकर शिकायतों का सिलसिला अभी जारी है।

By Arun AsheshEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 05 Oct 2023 12:21 PM (IST)
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'हमारी जाति की गणना गलत हुई..', CM नीतीश कुमार के मंत्रियों को क्यों आ रहे ऐसे फोन, कांग्रेस ने भी उठाया सवाल

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े पर हर स्तर पर प्रश्न खड़ा किया जा रहा है। यादव और मुसलमानों को छोड़ दें तो हरेक जाति को गणना के आंकड़े पर संदेह है।

राज्य सरकार के भवन निर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री के करीबी अशोक चौधरी ने गुरुवार को स्वीकार किया कि उनके पास भी जाति के लोगों के फोन आ रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि गणना के बारे में आ रही शिकायतों का सरकार निराकरण करे।

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा- हम पासी जाति के हैं। हमारी जाति के लोगों का फोन आ रहा है कि उनकी संख्या कम बताई जा रही है। लेकिन, वह निजी तौर पर इस तरह के विवाद को गलत मान रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इस गणना के पक्ष में है। संख्या के बारे में जो शिकायतें आ रही हैं, सरकार उस पर गौर करे।

उन्होंने ताजा आंकड़े के आधार पर पिछड़े, अति पिछड़े और अनुसूचित जातियों के विकास के लिए योजनाएं बनाने की मांग की।

इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कायस्थ जाति की कम संख्या पर आपत्ति प्रकट की है। संकेत यह भी है कि जाति आधारित गणना की प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दी जाए।

जदयू सांसद ने भी उठाए सवाल

जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने जाति आधारित गणना पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने तेली समाज की गणना गलत होने की बात कही है। इस संदर्भ में पटना में 8 अक्टूबर को समाज के लोगों की एक बैठक होगी। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार को ज्ञापन दिया जाएगा।

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अति पिछड़ों में भी असंतोष

अति पिछड़ों की आबादी सबसे अधिक 36 प्रतिशत बताई गई है। मगर, उनके बीच से भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं।

जदयू के प्रदेश महासचिव प्रगति मेहता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर धानुक जाति की आबादी की ठीक से गिनती न करने की शिकायत की है। अति पिछड़ों की एक जाति है अमात। गणना में इसकी आबादी दो लाख 85 हजार हजार बताई गई है।

स्वयं को इस जाति का नेता बताने वाले भानु प्रकाश राय कहते हैं- उत्तर बिहार में अमात जाति की आबादी 30 लाख से अधिक है। राज्य सरकार ने जाति आधारित गणना के नाम पर घोटाला किया है।

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