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Land For Job Scam: लोकसभा चुनाव खत्म होते ही एक्शन में CBI, Lalu Yadav के खिलाफ दाखिल कर दी फाइनल चार्जशीट

लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद सीबीआई एक्शन में है। लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने फाइनल चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई के इस कदम से लालू और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई की विशेष अदालत दाखिल चार्जशीट पर 6 जुलाई को विचार करेगी। बता दें कि इस मामले में लालू यादव के अलावा यादव परिवार की राबड़ी तेजस्वी मीसा और हिमा भी आरोपी हैं।

By Agency Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 07 Jun 2024 06:26 PM (IST)
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सीबीआई ने लालू यादव के खिलाफ फाइनल चार्जशीट दाखिल की। (फाइल फोटो)
एएनआई, दिल्ली/पटना। लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीबीआई ने इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ फाइनल चार्चशीट दाखिल कर दिया है।

चार्चशीट में शामिल आरोपियों में 38 उम्मीदवार भी शामिल हैं, लालू यादव के अलावा, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी इस मामले में आरोपी हैं।

सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसे सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी का इंतजार है। सीबीआई की विशेष अदालत दाखिल चार्जशीट पर 6 जुलाई को विचार करेगी।

बीते साल अक्टूबर में कोर्ट ने दी थी जमानत

बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2023 पूर्व रेल मंत्री लालू यादव, तेजस्वी यादव व राबड़ी देवी और अन्य को नई चार्जशीट के संबंध में जमानत दे दी थी।

दूसरी चार्जशीट में इन आरोपियों के नाम

सीबीआई के मुताबिक, लैंड फॉर जॉब मामले में दाखिल दूसरी चार्जशीट में तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) के तत्कालीन GM, WCR के दो CPO, निजी व्यक्ति, एक निजी कंपनी सहित 17 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की गई।

मई 2022 में दर्ज किया गया था मामला

सीबीआई ने मई 2022 को तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा और हेमा और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

लालू यादव परिवार पर क्या हैं आरोप?

लालू यादव पर आरोप है कि रेलवे मंत्री रहते हुए उन्होंने 2004-2009 के दौरान रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों और अन्य के नाम पर जमीन का हस्तांतरण कराकर आर्थिक लाभ लिया था।

यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय रेलवे में ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी इन सबको मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था।

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