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E-Kuber Portal: अब ई-कुबेर प्लेटफॉर्म से जारी होगी केंद्रांश की राशि, वित्त विभाग में चल रही तैयारी

सीएसएस के लिए बन रही नई व्यवस्था के तहत पहले से जारी राशि को केंद्र द्वारा केंद्रीय समेकित निधि और राज्य को राज्यकीय समेकित निधि में करना जमा करना होगा। जिन विभागों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा उनको अपनी राशि समेकित निधि में जमा करने का निर्देश जारी किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अगले वित्तीय वर्ष से राशि जारी की जाएगी।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 29 Mar 2024 02:55 PM (IST)
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अब ई-कुबेर प्लेटफॉर्म से जारी होगी केंद्रांश की राशि, वित्त विभाग में चल रही तैयारी
राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) की राशि किसी अन्य अकाउंट में पार्क नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार लगातार नए-नए तरीके अपना रही है। फिलहाल सीएसएस की राशि सिंगल नोडल एकाउंट (एसएनए) के माध्यम से जारी की जाती है, लेकिन अब इसमें भी बदलाव किया जा रहा है।

नई व्यवस्था एसएनए स्पर्श (शीघ्र ट्रांसफर एकीकृत प्रणाली) को 2024-25 से लागू करने की योजना है। इसके लिए वित्त विभाग में तैयारी चल रही है। अब केंद्रांश की राशि रिजर्व बैंक के ई-कुबेर प्लेटफॉर्म के माध्यम से जारी की जाएगी।

इसके लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकार के विभागों को रिजर्व बैंक के ई-कुबेर प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खोलकर इंट्रीगेट किया जाएगा। इसके बाद पीएफएमएस के तहत सभी योजनाओं को एसएनए स्पर्श पर ऑनबोर्ड किया जाएगा।

शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पशु व मत्स्य संसाधन, समाज कल्याण और पर्यावरण, वन एवं जलवायु विभाग की केंद्र प्रायोजित योजना से की जाएगी।

राशि को समेकित निधि में करना होगा जमा

सीएसएस के लिए बन रही नई व्यवस्था के तहत पहले से जारी राशि को केंद्र द्वारा केंद्रीय समेकित निधि और राज्य को राज्यकीय समेकित निधि में करना जमा करना होगा। जिन विभागों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा, उनको अपनी राशि समेकित निधि में जमा करने का निर्देश जारी किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अगले वित्तीय वर्ष से राशि जारी की जाएगी।

केंद्रांश पर मिलने वाले ब्याज को लेकर निर्देश

सीएसएस के लिए जारी की गई केंद्रांश की राशि पर मिलने वाले ब्याज को वापस करने के लिए केंद्र ने राज्यों निर्देश जारी किया है। केंद्र से मिली राशि और बैंकों से इस पर मिली ब्याज की राशि के आंकड़ों का हवाला देकर उसे वापस करने के लिए कहा गया है।

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