Heart Attack Symptoms: अगर छाती में 10 मिनट से ज्यादा दर्द हो तो तुरंत करें ये काम, High BP वाले भी पढ़ लें ये खबर
Heart Attack Symptoms प्रो.डा.डी.एस.चड्ढा ने कहा कि हाई बीपी के 30 प्रतिशत मरीजों को हार्ट अटैक होने पर बचने की बहुत कम संभावना रहती है। ऐसे मरीजों को बीपी नियंत्रित करने के लिए निरंतर दवाओं का सेवन बहुत जरूरी है। साथ ही किसी न किसी चिकित्सक के संपर्क में रहना भी बहुत जरूरी है ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज को तत्काल परामर्श मिल सके।
जागरण संवाददाता, पटना। Heart Attack Symptoms In Hindi छाती में दस मिनट से ज्यादा दर्द रहने पर तत्काल हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है। यह हार्ट अटैक का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज की तत्काल बीपी की जांच करनी चाहिए। बीपी ज्यादा होने पर बीमारी मरीज का अविलंब नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है।
ये बातें रविवार को बिहार इंटरवेंशनल काउंसिल के तत्वावधान में राजधानी के होटल मौर्या में आयोजित वार्षिक कॉन्फ्रेंस में दिल्ली से आए वरिष्ठ हार्ट रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ. संजय त्यागी ने कहीं।
हाई BP के मरीज रखें खास ध्यान
मौके पर बेंगलुरु से आए प्रो.डा.डी.एस.चड्ढा ने कहा कि हाई बीपी के 30 प्रतिशत मरीजों को हार्ट अटैक होने पर बचने की बहुत कम संभावना रहती है। ऐसे मरीजों को बीपी नियंत्रित करने के लिए निरंतर दवाओं का सेवन बहुत जरूरी है। साथ ही किसी न किसी चिकित्सक के संपर्क में रहना भी बहुत जरूरी है, ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज को तत्काल परामर्श मिल सके।उन्होंने कहा कि हार्ट के मरीजों के इलाज के लिए जरूरी है कि बीपी पर नियंत्रण रखें। इसके साथ-साथ सुगर के मरीजों को भी हार्ट को लेकर काफी सावधान रहने की जरूरत है।
क्या हैं लक्षण?
मौके पर लखनऊ से आए डॉ. एसके द्विवेदी का कहना है कि हार्ट अटैक से पहले मरीज को तेज दर्द होने के साथ-साथ काफी पसीना आता है। मरीज काफी बेचैन हो जाता है। ऐसी स्थिति में तत्काल चिकित्सा की जरूरत होती है।पुणे से आये चिकित्सक डॉ. अभिजीत पालसिकर ने कहा कि नए स्टेंट मरीजों के लिए काफी सहायक साबित हो रहे हैं। इसका अधिक से अधिक उपयोग करने की जरूरत है। मौके पर आये अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के आयोजन समिति के सचिव डॉ. रवि विष्णु प्रसाद ने किया।
उन्होंने कहा कि बिहार में वर्तमान में हार्ट के मरीजों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है। खासकर पटना में काफी अच्छी व्यवस्था है। इसके अलावा जिले स्तरपर भी हार्ट के मरीजों के इलाज के लिए उपाय किए जा रहे हैं।मौके पर आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ. बिंदे कुमार, डॉ. बीपी सिंह, डॉ. एके झा, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. निशांत त्रिपाठी, डॉ. नीरव कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. बीपीन कुमार एवं डॉ. अरविंद कुमार सहित कई चिकित्सकों ने भाग लिया।
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