चार दिवसीय छठ महापर्व सोमवार तक
सोमवार को उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य देने से साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो जाएगा। बिहार में नहाय-खाय को लेकर शुक्रवार को खूब उत्साह देखा जा रहा है। तमाम नदियों के घाटों पर व्रतियों का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया था।
अरवा चावल और कद्दू की सब्जी खाएंगे व्रती
छठव्रती नहाय-खाय से पहले गुरुवार को दिनभर घरों की सफाई में जुटे रहे। शुक्रवार को नहाय-खाय के दिन गंगा के पावन जल से घरों की धुलाई की जाएगी। कल सुबह से ही नदी में स्नान का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा। नहाय-खाय के दिन अरवा चावल, कद्दू की सब्जी, चना की दाल बनाई जाएगी।
अपने घरों में भी नहाय-खाय करते हैं व्रती
आचार्य पंडित विनोद झा वैदिक का कहना है कि लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारी काफी जोर-शोर से शुरू हो गई है। सबसे पहले व्रती गंगा के पावन जलधारा में स्नान करेंगे। दिन में गंगा स्नान के उपरांत भगवान भास्कर को जल दिया जाएगा। उसके बाद व्रती अपने-अपने घरों को लौट जाएंगे। काफी संख्या में व्रती अपने घरों में ही नहाय-खाय का व्रत करेंगे।
पटना के बाजारों में रही चहल-पहल
नहाय-खाय को लेकर गुरुवार को राजधानी के बाजारों में काफी चहल-पहल रही। सब्जी बाजार से लेकर वस्त्रों बिक्री जोरों पर रही। खासकर कद्दू की बिक्री जोरों पर रही । इसके अलावा दिनभर लोग साड़ी-धोती, गमछा आदि के खरीदारी करते रहे।
नहाए खाए के साथ चतुर्दिक छठ महापर्व शुरू
पटना सिटी की गलियों में रहने वाले परिवारों के आंगन में दीपावली के बाद से ही छठ पर्व के गीत सुनाई दे रही है। छठी मइया को प्रसन्न करने, उनसे सुख-शांति, समृद्धि का आशीर्वाद मांगने का सिलसिला प्रारंभ हो गया।
पवित्रता से बना भोजन
नहाय-खाय के साथ ही छठ व्रतियों ने अरवा चावल, चना की दाल व कद्दू की सब्जी बनाकर सेवन किया। समस्त परिवार के लोगों ने यही भोजन किया। व्रत का संकल्प लेने के लिए व्रतियों ने अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर गंगा में डुबकी लगाई।
व्रतियों के लिए अलग कमरा
छठ पर्व से पूर्व ही घर की साफ-सफाई, व्रतियों के लिए अलग से कमरा, उनका अलग बिछावन, अलग बर्तन का इंतजाम तथा कमरे में जूता-चप्पल पहनकर जाना मना हो गया है।
प्रसाद खाने पहुंचेंगे भक्त
शनिवार को दिनभर निराहार रहने के बाद खरना की शाम को घर में पूजा की जाएगी। व्रतियों द्वारा गेहूं के आटे की रोटी व गुड़ की खीर को सूर्य को चढ़ाने के पश्चात प्रसाद के रूप में छठव्रती व श्रद्धालु ग्रहण करेंगे। प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 48 घंटे तक व्रत रखने वाले श्रद्धलुओं को न जल मिलेगा और न ही अन्न। उगते सूर्य को अघ्र्य देने ने बाद ही छठ व्रतधारी आदी व गुड़ से व्रत तोड़ेंगी। उसके बाद ही वे अन्न व जल ग्रहण करेंगी।