Chhath Puja 2022: छठ के प्रसाद में ठेकुआ का है खास महत्व, सूप में इन फलों को जरूर करें शामिल
Chhath Puja 2022 खरना के बाद रविवार को छठ व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। अर्घ्य से पहले सूप और दउरा को सजया जाता है। फलों के साथ शुद्ध देसी घी से बने ठेकुआ का खास महत्व है।
By Jagran NewsEdited By: Rahul KumarUpdated: Sun, 30 Oct 2022 11:31 AM (IST)
पटना, आनलाइन डेस्क। खरना के बाद छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है। छठ व्रतियों द्वारा रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। अर्घ्य से पहले छठ व्रती घाट पर जाने की तैयारी में जुटे हैं। अर्घ्य के लिए अन्य फलों के साथ देसी घी से बने ठेकुआ का खास महत्व है।
ठेकुआ का है खास महत्व
भगवान भास्कर को फलों के अलावा शुद्ध घी से बने ठेकुआ अर्घ्य दिया जाता है। जिसके लिए ठेकुआ बनाने का कार्य महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। रविवार की सुबह से ही महिला ठेकुआ बनाने के कार्यों में जुटी हुई हैं। ठेकुआ शुद्ध घी के अलावा रिफाइन तेल में भी तैयार किया जाता है। ठेकुआ गेहूं के आटा, गुड, चीनी आदि सामग्री से तैयार किया जाता है। काफी धीमी धीमी आंच में ठेकुआ को तैयार किया जाता है।
छठ का प्रसाद ठेकुआ बनातीं छठ व्रती।
चावल के आटे से तैयार किया जाता है कसार
ठेकुआ बनाने में चार से पांच घंटे के समय लगता है। ठेकुआ को स्वादिष्ट बनाने को लेकर ड्राई फ्रूट भी मिलाया जाता है। जिसमें काजू इलायची किसमिस नारियर आदि सामग्री को आटे में मिलाकर बनाया जाता है। आचार्य लाल भूषण मिश्र ने कहा कि छठ पर्व में ठेकुआ और कसार का काफी महत्व है। ठेकुआ और कसार से भगवान भास्कर का अर्घ्य दिया जाता है। क्योंकि छठ पर्व में नया अनाज का इस्तेमाल किया जाता है। ठेकुआ तो गेहूं के आटे से बनाया जाता है। लेकिन कसार चावल के आटे से तैयार किया जाता है। कसार बनाने का चावल पूरी तरह नया अनाज होता है।अर्घ्य से पहले ठेकुआ बनाती महिलाएं। जागरण
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