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Chhath Puja Photo Gallery: बिहार में बिखरी छठ की छटा, कोई हुआ दंडवत तो कहीं MLA ने दिया सूर्य को अर्घ्य

छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। आज गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को छठव्रतियों ने पहला अर्घ्य प्रदान किया। वहीं शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को छठ का दूसरा अर्ध्य दिया जाएगा। छठ महापर्व को लेकर राजधानी के गंगा घाट सहित तालाबों के किनारे भव्य तैयारी की गई है। बाजार में जगह-जगह ईख गागर नींबू नारियल फलों की दुकानें सजी हुईं हैं।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 07 Nov 2024 05:37 PM (IST)
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छठ महापर्व के कारण गंगा नदी के घाटों की सूरत काफी निखर गई है।
जागरण टीम, पटना। Chhath Puja 2024 Photos छठ महापर्व को लेकर पूरे बिहार में हर्षोल्लास का माहौल है। आज गुरुवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को छठव्रतियों ने पहला अर्घ्य प्रदान किया। वहीं, शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को छठ का दूसरा अर्ध्य दिया जाएगा। छठ महापर्व को लेकर राजधानी के गंगा घाट सहित तालाबों के किनारे भव्य तैयारी की गई है।

छठ महापर्व के कारण गंगा नदी के घाटों की सूरत काफी निखर गई है। बल्बों की रोशनी, टेंट, बैरिकेडिंग के साथ व्रतियों के लिए अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। ऊबड़-खाबड़ दिख रही सड़कें अब समतल हो गई हैं।

बाजार में जगह-जगह ईख, गागर नींबू, नारियल, फलों की दुकानें सजी हुईं हैं। रास्ते में गुजरने पर जगह-जगह छठ के गीत सुनाई दे रहे हैं।

पटना में गंगा घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते छठव्रतियों का अभिवादन करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी व अन्य।

परिजनों के साथ पटना में लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने मनाया महापर्व छठ।

औरंगाबाद में अदरी नदी छठ घाट अर्घ्य देने जाते श्रद्धालु।

मुंगेर। बबुआ घाट पर भीड़

औरंगाबाद के अदरी नदी घाट पर अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की जुटी भीड़।

जमुई के खैरा में पानी में खड़ा होकर भगवान भास्कर को आराध्य करती छठव्रती।

शिवहर छठ घाट पर आस्था का अर्घ्य देने के लिए साधना में लीन व्रती।

शिवहर: देकुली धाम स्थित छठ घाट।

शिवहर: आस्था का एक रूप यह भी। शहर के मेन रोड में दंड प्रणाम करते घाट पर जाते व्रती।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी विभिन्न घाटों का निरीक्षण करते।

शिवहर: सुगिया कटसरी गांव में भक्ति में लीन व्रती।

शिवहर: शहर के छठ घाट पर अर्घ्य देतीं भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉ. नूतन सिंह।

वारिसलीगंज (नवादा) के अपसढ़ शेरोदह तालाब में डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पण करतीं वारिसलीगंज विधायक अरुणा देवी।

औरंगाबाद के देव स्थित सूर्यकुंड तालाब पर अर्घ्य देने को श्रद्धालुओं की लगी भीड़।

सीतामढ़ी: शहर के लखनदेई नदी घाट पर अर्घ्य देते व्रती।

बलिया में डाला उठाकर ले जाते राज्यसभा के पूर्व सदस्य राकेश सिन्हा।

सिमरिया गंगा नदी तट पर छठ पूजा को लेकर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।

सीतामढ़ी: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घाट से लौटते व्रती व श्रद्धालु।

सीतामढ़ी: जिला मुख्यालय स्थित कैलाशपुरी के लखनदेई नदी घाट पर अर्घ्य देते व्रती।

आश्रम घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते जाती व्रती।

भगवान भास्कर की आराधना करतीं पूर्व विधायक अमिता भूषण। मौके पर सीएस प्रमोद कुमार व परिवार के सदस्य।

बिहार की फेमस एक्ट्रेस और बिग बॉस फेम मनीषा रानी (Manisha Rani) ने मुंबई में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

डूबते सूर्य को अर्घ्य देती बेतिया नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया।

छठ गीतों में पुत्र के साथ पुत्री की कामना संग पर्यावरण संरक्षण का संदेश

लोक आस्था का महापर्व छठ का घरों से लेकर घाटों तक एक उत्सवी माहौल है। बाजार में मिट्टी के चूल्हे से लेकर फलों की खरीदारी को लेकर बाजार की रौनक बढ़ी है। घरों में छठ व्रती गीतों के जरिए अपने साथ परिवार वालों का भी उत्साह बढ़ाने में लगी हैं। लोक आस्था का पर्व छठ के गीतों के बिना सूना है। छठ गीतों को सुनने के बाद शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है। छठ के गीतों में पुत्र के साथ पुत्री की कामना तो पर्यावरण संरक्षण के साथ स्वच्छता का संदेश भी है।

लोक गायिका चंदन तिवारी कहती हैं कि छठ गीतों के अंदर जीवन की सच्चाई छिपी है। नारी सशक्तीकरण की बात हो तो व्रती छठी मइया से रुनकी-झुनकी हम बेटी मांगिले, पढ़ल पंडित दामाद, छठी मइया दर्शन देहूं न अपार'''' की विनती करती हैं। व्रती गीत के जरिए बताती हैं कि नारी शक्ति बिना जीवन अधूरा है।

पद्मश्री से सम्मानित स्व. विंध्यवासिनी देवी के पारंपरिक गीत सोने के खरौआ हो दीनानाथ तिलक ललाट, हाथ सटकुनिया हे दीनानाथ... में व्रती सूर्य देव के स्वरूप को वर्णन करने के साथ समाज में पुत्र-पुत्री की कामना करती हैं। गीत में स्वच्छता की बात करें तो रऊआ घाटे ऐ सूरज देव दुबिया छटाई देहब मकड़ी भगाई देहब... घाट की सफाई के बहाने स्वच्छता की महत्ता बताती हैं।

सामाजिक संतुलन बनाने की बात हो तो कौन कोखे जनम लेलन सूरूज देव, उठ सूरूज भइले बिहान...व्रती सूरज देवता से गुहार लगाती हैं कि सूर्यदेव सुबह हो गई है। आप जल्दी नींद से जाग जाएं, क्योंकि आपके जल्दी नहीं जागने से सृष्टि का संचालन नहीं हो पाएगा।

स्वास्थ्य व प्रकृति संरक्षण को लेकर छठ गीत में देखे तो केरवा जे फरले घउद में ता पर सुग्गा मंडराए, मरबऊ रे सुगवा धनुख से सुगा गिरे मुरझाए व्रती गीत के जरिए प्रकृति सरंक्षण का संदेश देती हैं। छठ के गीत हमें जड़ों से जुड़े रहने के साथ समाज में सभी का मान-सम्मान की याद दिलाती है।

गायिका चंदन बताती हैं कि अभी भी कई ऐसे गीत हैं जो काफी पुराने हैं। गीतों को खोज कर कार्य करने की जरूरत है। इस बार छठ को देखते हुए रामा-राम कही के निकली घर से बहरा के नैया पार लगाई हे.. उगी ना सुरुज हमारी अंगना बांटे कब से अनहार.. आदि गीत काफी पुराने हैं।

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