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Chhath Puja 2024: छठ पर्व पर बाजारों में नकली घी की भरमार, इन तरीकों से घर पर करें शुद्धता की जांच

छठ के पावन पर्व पर व्रती द्वारा शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाता है बावजूद इसके बाजार से मिलने वाली कई चीजों की वजह से उनका प्रयास निष्फल हो जाता है। बाजार में मिलने वाले सामान में सबसे ज्यादा मिलावट घी में की जाती है। ऐसे में आप घर पर ही कुछ तरीकों से असली और नकली घी की पहचान कर सकते हैं।

By Pawan Mishra Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 05 Nov 2024 04:12 PM (IST)
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बाजार में घुलेआम बिक रहा नकली और मिलावटी घी
जागरण संवाददाता, पटना । छठ महापर्व का प्रसाद बनाने के लिए देशी घी की मांग बढ़ जाती है। दूध, घी, गेहूं के आटे से लेकर हर सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रसाद सभी व्रती करते हैं। हालांकि, देशी घी के मामले में ज्यादातर लोगों का प्रयास निष्फल हो जाता है। इसका कारण यह है कि बाजार में 650 से लेकर 2800 सौ रुपये किलोग्राम तक का देशी घी उपलब्ध है।

गाय की नस्ल व इसके पुराना होने के आधार पर बाजार में देशी घी की कीमत निर्धारित की जाती है। हर व्रती सिर्फ ब्रांड या दुकानदार के विश्वास पर इसकी खरीदारी करता है। इसे देखते हुए खाद्य संरक्षा विभाग ने अपने स्तर से प्रयास किए हैं।

राजधानी में बिक रहे ब्रांडेड व खुले देशी घी के करीब 20 नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। पूरी कोशिश की जा रही है कि मंगलवार तक इसकी रिपोर्ट आ जाए ताकि व्रतियों को शुद्ध घी की जानकारी देने के साथ मिलावटी घी की बिक्री रोकने के उपाय किए जा सकें।

पटना व भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि प्रयोगशाला के पदाधिकारियों से बात की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मंगलवार को सभी 20 नमूनों की जांच रिपोर्ट दे दी जाएगी।

बहुत से व्यापारी घी की मांग बढ़ने से घटिया गुणवत्ता के वेजिटेबल ऑयल, बटर, डालडा, हाइड्रोजेनेटेड तेल व सुगंध मिलाकर इसे बनाते हैं। कई व्यापारी इसमें आलू व शकरकंद भी मसल कर मिलाते हैं। बहुत कम लागत पर तैयार होने वाला ये मिलावटी घी सुगंध व देखने में असली जैसा लगता है।

ऐसे कर सकते हैं शुद्धता की जांच

खाद्य संरक्षा पदाधिकारी के अनुसार जो लोग घी की खरीदारी कर चुके हैं वे घर पर कुछ आसान उपाय से इसकी जांच कर सकते हैं।

हथेली में लेकर खूब गर्म होने तक रगड़ें

  • थोड़ा सा देशी घी हथेली पर लेकर दोनों हाथों से 10-15 मिनट या तबतक रगड़े जबतक की गर्मी के कारण जलन न महसूस होने लगे।
  • इसके बाद घी को सूंघें, यदि सुगंध पहले की तरह ही हो तो यह शुद्ध हो सकता है। यदि सुगंध पहले से कम हो जाए तो यह 100 प्रतिशत मिलावटी या नकली है।

गुनगुने पानी में कुछ बूंद गिराकर करें जांच

  • कांच या किसी पारदर्शी गिलास में हल्का गुनगुना पानी लें। उसमें घी की कुछ बूंदे गिराएं।
  • यदि घी की बूंद बिखरे नहीं तो यह शुद्ध है जबकि बिखरने वाला घी मिलावटी है।
  • सामान्य पानी में शुद्ध घी तैरता है जबकि मिलावटी डूब जाता है।

बीटाडीन या आयोडीन से जांच

  • कोरोना के बाद अब सभी घरों में बीटाडीन साल्यूशन रहता है। एक चम्मच घी लेकर उसमें एक बूंद बीटाडीन या आयोडीन घोल डालें। यदि यह नीला या काले रंग का हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट है।
  • नमक व बाथरूम साफ करने वाले तेजाब से जांच
  • बहुत से घरों में बाथरूम साफ करने वाला नमक का तेजाब यानी हाइड्रोक्लोरिक एसिड रहता है। घी की जांच करने के लिए पहले आधा चम्मच नमक में दो-तीन बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला दें।
  • इसमें दो चम्मच घी के डालकर उसे अच्छे से मिला दें।
  • 15 से 20 मिनट में यदि यह गुलाबी या लाल रंग का हो जाए तो घी मिलावटी है।

घी को दोबारा पकाकर करें पहचान

  • चार-पांच चम्मच देशी घी को कढ़ाही में लेकर वैसे ही पकाएं जैसे की दही से निकाले मक्खन को उबाल कर घी बनाते हैं।
  • 10 मिनट पकाने के बाद उसे ठंडा होने दें। ठंडा होने पर कटोरी में छान लें।
  • यदि घी का रंग तब भी पीला है, पूरी तरह जमा नहीं है और सुगंध पहले जैसी है तो घी शुद्ध है।
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