'बाप-बेटे को मार दूंगा', इस धमकी से आंखों में खटकने लगा था 'छोटे सरकार'! जेल में चलता था सिक्का, अब खुल रहे कई राज
सूत्रों की मानें तो लगभग चार महीने पहले माणिक सिंह के जेल से जमानत पर छूटने के बाद अभिषेक ने चुनौती दी थी कि बाप-बेटे दोनों को मार दूंगा। उसके गुर्गे ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर इसे प्रसारित भी किया था लेकिन कुछ ही घंटे बाद उसे हटा दिया था। जिस वार्ड में माणिक के गुर्गे रह रहे थे उसमें अपने गुट के बंदियों को रखवा दिया।
जागरण संवाददाता, पटना। Chhote Sarkar Murder Case दानापुर अनुमंडल कोर्ट परिसर में मारे गए कुख्यात अभिषेक सिंह उर्फ छोटे सरकार ने बेउर जेल में बंद रहने के दौरान अपना दबदबा कायम कर लिया था। वह एक कैदी राइटर के माध्यम से जेल प्रशासन के कुछ अधिकारियों का चहेता बन गया था। इस कारण वह जेल में बंद दूसरे विरोधियों से लोहा लेता रहता था। यही वजह रही कि पेशी के लिए उसके जेल से निकलते ही शूटरों को खबर भेज दी गई थी। पुलिस की जांच में ये बातें भी सामने आई हैं।
सूत्र बताते हैं कि अभिषेक की हत्या की साजिश रचने के आरोपित सह बाप-बेटा गिरोह के सहायक सरगना माणिक सिंह उर्फ बउआ को उसने जेल में परेशान किया था। माणिक के गुर्गों से मारपीट करने के साथ जेल प्रशासन को उसके बारे में कई गलत जानकारी दी थी, जिसके कारण उसे भागलपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। ऐसी ही हरकत अभिषेक ने उन बंदियों के साथ भी की थी, जिन्होंने उसका विरोध किया था। फिलहाल, बाप-बेटा गिरोह के उज्ज्वल सिंह और वीरू सिंह जेल में बंद है।
पुलिस को अंदेशा है कि उन्होंने लाइनर की भूमिका अदा की थी। उनसे पूछताछ करने के लिए पुलिस जल्द बेउर जेल में दबिश देगी। शूटरों को हथियार देने वाले नवीन और मोनू की भी खोज जारी है।
खुलेआम दी थी चुनौती- बाप-बेटे को मार दूंगा
सूत्रों की मानें तो लगभग चार महीने पहले माणिक सिंह के जेल से जमानत पर छूटने के बाद अभिषेक ने चुनौती दी थी कि बाप-बेटे दोनों को मार दूंगा। उसके गुर्गे ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर इसे प्रसारित भी किया था, लेकिन कुछ ही घंटे बाद उसे हटा दिया था। जिस वार्ड में माणिक के गुर्गे रह रहे थे, उसमें अपने गुट के बंदियों को रखवा दिया। साथ ही माणिक के गुर्गों को अलग-अलग वार्ड में तितर-बितर करवा दिया था।
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि अभिषेक, मनोज सिंह और उसके बेटे माणिक की हत्या करने की फिराक में थे। गैंगवार की आशंका से पुलिस जेल से छूटे अभिषेक के गुर्गों और सिपहसालारों पर भी नजर रख रही है।
दानापुर कोर्ट परिसर में हुए अभिषेक सिंह हत्याकांड की अद्यतन जांच में बेउर जेल के अंदर वर्चस्व की लड़ाई से जुड़ी जानकारी भी सामने आई है। कुख्यात अभिषेक सिंह पर 15 मामले दर्ज थे। मौके से पकड़े गए दोनों शूटरों ने पूछताछ में छह लोगों के नाम सामने आए हैं। उनकी भूमिका की जांच चल रही है। - जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, मुख्यालय
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