Chirag Paswan: चिराग के 4 मजबूत पक्ष, जिनकी वजह से भाजपा ने शर्तें मानीं, चाचा पारस को नहीं मिली तवज्जो
Bihar Politics लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान सीट बंटवारे से खुश नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा उन्हें 4 सीट देने के लिए तैयार हो गई है। वहीं उनके चाचा पशुपति पारस को भाजपा ने खास तवज्जो नहीं दी है। हालांकि पशुपति पारस को पीएम मोदी के मंच पर बैठाया गया था लेकिन वह सीट पाने में कामयाब नहीं हो सके।
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News Hindi: बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे पर मामला लगभग सुलझ गया है। एक जगह जहां पेंच फंस रहा था, वह था चिराग पासवान का गुट, लेकिन अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मसला को सुलझा दिया है। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) को चार सीटें देकर मना लिया गया है।
हालांकि, सूत्रों से खबर आ रही थी कि चिराग पासवान सीटों पर बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे थे। आज हम आपलोगों को बताएंगे कि आखिर चिराग पासवान के 4 मजबूत पक्ष कौन से हैं जिनसे भाजपा को उनकी शर्तें माननी पड़ी।
चिराग पासवान अपनी जाति के अलावे अन्य जातियों में भी पॉपुलर
चिराग पासवान (Chirag Paswan) सिर्फ अपनी जाति के युवाओं में नहीं बल्कि बिहार के अन्य जाति के युवा भी उन्हें पसंद करते हैं। वह जिस तरह से फर्स्ट बिहारी की बात करते हैं, वह युवाओं में जोश भरने का काम करता है। पिछली बार भी विधानसभा चुनाव में युवाओं ने जमकर वोट किया था। हालांकि, उन्हें एक ही सीट मिल पाई थी।रामविलास के बेटे होने का फायदा
लोजपा के दिवंगत नेता रामविलास के बेटे होने का भी उन्हें फायदा मिलता नजर आ रहा है। चिराग पासवान को उनके चाचा पशुपति पारस के मुकाबले पहला उत्तराधिकारी माना जा रहा है।
युवा चेहरा होने के चलते भाजपा की पहली पसंद बने चिराग पासवान
चिराग पासवान युवा नेता हैं जिसकी वजह से बिहार के लोगों को उनसे काफी उम्मीद है। वहीं, भाजपा भी युवा नेता को अब अधिक तरजीह दे रही है। इस वजह से भाजपा को पशुपति पारस की तुलना में चिराग पासवान को लेने में अधिक फायदा नजर आया।भाषण की कला में आगे
भाषण की कला में भी चिराग पासवान काफी अच्छे हैं। चिराग पासवान अक्सर युवाओं के बीच दमदार भाषण देते हैं। वह खासकर के नीतीश कुमार को चुनौती देते नजर आते हैं।
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