Chirag Paswan : चिराग पासवान बने सियासी पिक्चर के 'हीरो', इन नतीजों को ताकते रह जाएंगे पशुपति पारस
Chirag Paswan बिहार में लोकसभा चुनाव के काफी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। ताजा अपडेट के मुताबिक चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अपनी पांच सीटें जीतने की ओर है। जीत दर्ज होने के साथ ही चिराग पासवान अपने पिता रामविलास की सियासी विरासत के वारिस बन जाएंगे। इसके साथ ही संसद में एक अलग नजारा भी दिखेगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। Chirag Paswan LJPR : बिहार से आए लोकसभा चुनावों के परिणाम में लोजपा-रामविलास का स्ट्राइक रेट सौ प्रतिशत का दिख रहा है। पहली बार चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की छत्रछाया के बिना लोकसभा चुनाव में उतरे हैं।
ऐसे में उन्हें एनडीए से सीट शेयरिंग में पांच सीटें मिली थीं। इन सभी पर चिराग की पार्टी के उम्मीदवारों को सफलता मिली। खुद चिराग हाजीपुर से बड़े अंतर से जीतने जा रहे हैं। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है।
सियासी जानकारों का मानना है कि हाजीपुर से पहली बार जीतने जा रहे चिराग ने यह भी साबित किया कि रामविलास पासवान के राजनीतिक वारिस भी वही हैं। 2019 के चुनाव में लोजपा को छह सीटें मिली थीं तब भी लोजपा ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी।
बहनोई के साथ पहली बार संसद में दिखेंगे चिराग
लोजपा-रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान जहां तीसरी बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचने वाले हैं। वहीं, दूसरी ओर उनके बहनोई अरुण भारती भी जमुई सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचेंगे। इस प्रकार साला-बहनाई पहली बार संसद में एकसाथ दिखेंगे।
जमुई से दो बार सांसद रहे चिराग ने इस बार वहां से अपने बहनोई को चुनाव लड़ाया था। वहीं, उनकी पार्टी के टिकट पर वैशाली सीट से वीणा देवी, समस्तीपुर से शांभवी चौधरी और खगड़िया से राजेश वर्मा जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। पिछली बार हाजीपुर सीट से चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने चुनाव लड़ा था और जीत कर संसद पहुंचे थे।
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