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Chirag Paswan : 'सबकुछ छीन लिया था...', भावुक हुए चिराग; चाचा और भाई से मिले धोखे पर कह दी बड़ी बात

Bihar Political News बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग के बाद चिराग पासवान भावुक हो गए। उन्होंने कह दिया कि न्याय की जीत हुई है। दरअसल एनडीए में चिराग पासवान की पार्टी को पांच सीटें मिली हैं। वहीं उनके चाचा पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। चिराग ने मीडिया से बात करते हुए परिवार और अपने भाई का भी जिक्र किया।

By Mukul Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 19 Mar 2024 09:40 AM (IST)
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जमुई से सांसद और लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political News In Hindi एनडीए में सम्मानजनक भागीदारी मिलने के बाद जमुई से सांसद और लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने खुशी जाहिर की। इसके साथ, वह भावुक भी हो गए।

दरअसल, एनडीए में उन्हें पांच सीटें मिली हैं। मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) को भी याद किया। इसके अलावा, अपने चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) और भाई प्रिंस राज (Prince Raj) का भी जिक्र किया। 

चिराग पासवान ने कहा कि व्यक्ति नहीं समय बलवान होता है और आज समय ने अपनी ताकत दिखाई है। समय ने न्याय किया है। आने वाले दिनों में मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूं। मैं पिछले तीन सालों से चुनौतियों का सामना कर रहा हूं। ऐसे में अगर कोई और चुनौती सामने आती है तो उसका भी उतना ही डटकर सामना करने के लिए तैयार हूं।

पार्टी और परिवार टूटने के बाद चिराग को इस बात का नहीं था यकीन

उन्होंने कहा कि उनके पिता का आशीर्वाद उनके साथ है। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी अलग संघर्ष के दौर से निकली है। चुनाव कौन कहां से लड़ेगा, इस संबंध में सभी फैसले वे लोग लेंगे, जिन्होंने बुरे दौर में भी उनका साथ नहीं छोड़ा। 

उन्होंने कहा कि पार्टी और परिवार टूटने के बाद उन्हें यह यकीन नहीं था कि वह बिहार की धरती पर कभी कदम रख पाएंगे। क्योंकि पार्टी ऑफिस, सांसद और संगठन से लेकर सबकुछ उनसे छिन लिए गए थे। वहां से उन्होंने अपने संघर्ष की शुरुआत की, उसमें जिन लोगों ने साथ दिया, वह अब पार्टी की रणनीति तय करेंगे। 

चाचा को मनाने की बात पर क्या बोले चिराग

इसके अलावा, चाचा पशुपति पारस को मनाने की बात को लेकर चिराग ने कहा कि पिता के जाने के बाद परिवार के मुखिया वही (पशुपति पारस) थे, जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों में भी उनके पिता (रामविलास पासवान) ने परिवार और पार्टी को एकजुट रखा, पिता के जाने के बाद उसी जिम्मेदारी को चाचा जी को निभाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

वहीं, प्रिंस राज को मौका देने की बात पर चिराग ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी मामले में समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उसके (प्रिंस राज) लिए चिताएं पहले भी थीं और आज भी हैं। उसने अपने लिए कुछ फैसले लिए हैं। अब उसी के साथ उसे जीना है। वहीं, लोजपा रामविलास (LJPR) में प्रिंस को जगह मिलने की बात पर उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के वह लोग करेंगे, जो संघर्ष के दौरान डटकर खड़े रहे।   

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