Chirag Paswan: 'मैंने खुद प्रधानमंत्री मोदी से बात की', UPSC में लेटरल एंट्री के मुद्दे पर बोले चिराग पासवान
यूपीएससी ने लेटरल एंट्री के तहत नियुक्ति वाले विज्ञापन को वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बाद यह निर्णय लिया गया। चिराग पासवान ने इसपर खुशी जाहिर की। चिराग ने कहा कि मुझे खुशी है कि मेरे प्रधानमंत्री मोदी जी ने एससी/एसटी और पिछड़े लोगों की चिंताओं को समझा। मेरी पार्टी एलजेपी (रामविलास) और मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं।
जागरण टीम, पटना। यूपीएससी में लेटरल एंट्री (UPSC Lateral Entry) से नियुक्ति पर सियासत तेज है। इसी क्रम में संघ लोक सेवा आयोग ने लेटरल एंट्री से अपॉइंटमेंट को लेकर आदेश रद्द कर दिया है। यूपीएससी ने यह फैसला पीएम मोदी (PM Modi) के निर्देश पर लिया। इस सबके बाद भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का बयान सामने आया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया है।
चिराग पासावान (Chirag Paswan) ने पटना में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि मेरे प्रधानमंत्री मोदी जी ने एससी/एसटी और पिछड़े लोगों की चिंताओं को समझा। मेरी पार्टी एलजेपी (रामविलास) और मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देते हैं"।
VIDEO | “I am happy that my Prime Minister Modiji understood the concerns of SC/ST and backward people. My party LJP (Ram Vilas) and I thank PM Modi,” says Union Minister and LJP (Ram Vilas) Chirag Paswan (@iChiragPaswan) after Centre asked UPSC to withdraw the latest… pic.twitter.com/1i2SFg6ZiL
— Press Trust of India (@PTI_News) August 20, 2024
'मैंने खुद प्रधानमंत्री मोदी से बात की'
उन्होंने आगे कहा, जब से लेटरल एंट्री का मुद्दा मेरे संज्ञान में आया, मैंने इसे विभिन्न स्थानों पर संबंधित अधिकारियों के सामने उठाया। मैंने इस मुद्दे को लेकर एससी/एसटी और पिछड़ों की चिंताएं प्रधानमंत्री के सामने रखीं। पिछले दो दिनों से मैं पीएम और उनके कार्यालय के संपर्क में हूं"।
'आरक्षण के नियमों का पालन किया जाना चाहिए'
चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मेरे साथ गहन विचार-विमर्श किया और मैंने संबंधित दस्तावेज उनके कार्यालय में जमा किए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रकार की सरकारी नियुक्तियों में सरकार द्वारा आरक्षण के नियमों का पालन किया जाना चाहिए।यूपीएससी के किस फैसले पर छिड़ी सियायत
बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर लेटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों के लिए आवेदन मांगा था।
इसकी आलोचना करते हुए चिराग ने कहा था कि इस मुद्दे पर हमारी पार्टी का रुख साफ है। हम कतई इसके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी सरकारी नियुक्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्राविधानों का पालन किया जाना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से यह मामला प्रकाश में आया है, वह उनके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा है और इन मुद्दों को सामने लाने के लिए उनके पास मंच है।
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