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Bihar News: सिविल सर्जन बना मसीहा! बचाई सड़क पर पड़े घायल की जान... सिर से बह रहा था खून

गुरुवार शाम पांच बजे गंगा पाथ वे पर स्कूटी सवार एक अधेड़ ने तेज रफ्तार चारपहिया वाहन से बचने के चक्कर में संतुलन खो दिया और घायल हो गए। इस दुर्घटना में उनके सिर से लगातार खून निकल रहा था। इसी गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल का निरीक्षण कर लौट रहे पटना सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश्वर कुमार भीड़ देखकर रुके और मौके पर प्रथमिक उपचार किया।

By Pawan Mishra Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 05 Apr 2024 04:53 PM (IST)
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पटना के सिविल सर्जन ने बचाई सड़क पर पड़े घायल की जान (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में सड़क दुर्घटना में घायल 78 प्रतिशत की मौत हो जाती है। इसका कारण, अन्य राहगीरों की उदासीनता है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण गुरुवार को गंगा पाथ वे पर शाम चार बजे देखने को मिला। स्कूटी सवार एक अधेड़, तेज रफ्तार चारपहिया वाहन से बचने के चक्कर में संतुलन खोकर घायल हो गए।

सिर में चोट लगने से वे बेहोश हो गए। सिर से लगातार खून निकल रहा था। सौ लोग उन्हें घेरे थे पर किसी ने अस्पताल नहीं पहुंचाया। इसी बीच दूसरी लेन पर गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल का निरीक्षण कर लौट रहे पटना सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश्वर कुमार भीड़ देखकर रुके।

ऐसे पहुंचाया गया घायल आस्पताल

चालक के रोकने पर सिविल सर्जन लोगों ने पूछा तो पता चला कि दुर्घटनाग्रस्त युवक जिंदा है कि मृत पता नहीं, इसलिए पुलिस को सूचना दी है। इसके बाद डॉ. मिथिलेश्वर कुमार स्थेटेस्कोप व मेडिकल किट लेकर डिवाइडर पारकर बेहोश व्यक्ति के पास पहुंचे।

जांच में जिंदा किंतु गंभीर देखकर मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया। इसी बीच वहां से गुजर रहे एक पुलिस वाहन को रुकवाया और उससे आग्रह कर घायल मुन्ना कुमार को पीएमसीएच भिजवाया।

इसी बीच उन्होंने पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. एनके राणा व अधीक्षक को फोन कर इमरजेंसी में आवश्यक तैयारी रखने का आग्रह किया। अब अधेड़ खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। लोगों ने सिविल सर्जन के खून लगे कपड़े के साथ इसका वीडियो वायरल किया।

वीडियो बनाकर शेयर करने के बजाय बचाएं जान

सिविल सर्जन से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह सड़क दुर्घटना या किसी खतरे में पड़े व्यक्ति की मदद करे।

पुलिस परेशान करेगी

यह भ्रम है, सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत स्पष्ट आदेश दिया है कि पुलिस बार-बार थाने बुलाना तो दूर, उनसे बिना मर्जी उनका नाम तक नहीं पूछ सकती। यही नहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय घायल को अस्पताल पहुंचाने वालों को इनाम भी देता है।

प्रशासन भी ऐसे लोगों को सम्मानित करता है। ऐसे में घायल को घेरकर उसका वीडियो बनाकर वायरल करने के बजाय आमजन खासकर युवाओं को घायलों की जान बचाने के लिए आगे आना चाहिए। यदि उनके पास कोई साधन नहीं है तो डायल 112 पर इसकी सूचना दें ताकि तुरंत पुलिस व एंबुलेंस पहुंच सके।

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