Nitish Kumar: मुख्यमंत्री ने लगाई शिक्षा मंत्री और अफसर की क्लास, समझाया- विवादों का सार्वजनिक होना ठीक नहीं
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच का विवाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंच गया है। मुख्यमंत्री आवास में गुरुवार को इस पर चर्चा हुई। इस दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह एवं ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव मौसजू रहे। सीएम से मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री की वित्त मंत्री विजय चौधरी के साथ आधे घंटे तक अलग से बात हुई।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर व अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे तनातनी की खबर के सार्वजनिक होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को दोनों को मुख्यमंत्री आवास बुलाया।
उनके साथ बैठक की और समझाया कि इस तरह से कोई मसला सार्वजनिक होना उचित नहीं है। अगर कोई समस्या है तो आपस में चर्चा हो जानी चाहिए।
इस मुलाकात के दौरान मौजूद रहे वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बाद में पत्रकारों को बताया कि सब कुछ सामान्य है। कोई परेशानी नहीं है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के पूर्व शिक्षा मंत्री ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से भेंट की। उन्होंने उनको पूरी बात बताई। लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की।
मुख्यमंत्री आवास में इस विषय पर चर्चा के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह एवं ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री की वित्त मंत्री विजय चौधरी के साथ भी आधे घंटे तक अलग से बात हुई।
मंत्री पूछ रहे कि अफसर बड़ा या अधिकारी
मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि केके पाठक के साथ उनका किसी भी तरह का विवाद नहीं है। साथ में यह सवाल भी उठाया कि संविधान के अनुसार, कौन बड़ा है? मंत्री या अधिकारी? उन्होंने कहा कि पूरे मामले की वह खुद समीक्षा कर रहे हैं।
राबड़ी देवी ने कहा- इस प्रकरण का सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई असर
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि भाजपा ने इस मामले को तूल दिया है। सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। चंद्रशेखर कभी भी सरकार के खिलाफ नहीं जा सकते।
वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राजद के किसी भी नेता से अधिक राबड़ी देवी के बयान का महत्व है। इसलिए इस प्रकरण को लेकर महागठबंधन में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।
इस पर बिगड़ी थी बात
शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डा. एनके यादव ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र लिखकर मंत्री के अधिकार के हनन की बात कही थी।
इस पीत पत्र के औचित्य पर सवाल उठाते हुए अपर मुख्य सचिव ने मंत्री के आप्त सचिव के अधिकार पर ही प्रश्न कर विभाग में उनकी इंट्री बंद करने की बात कर दी। यहीं से विवाद आगे बढ़ गया।
आग में घी का काम जदयू कोटे के मंत्री रत्नेश सदा ने कर दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि केके पाठक सरकार को बदनाम कर रहे हैं। उनके खिलाफ राजद के कई नेताओं ने भी कड़वी टिप्पणी कर दी।