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नीतीश की अपने मंत्री को मीठी झिड़की: कहा- ध्यान से सुनिए, पिता की इच्छा पर मैं इंजीनियर बना, कभी नौकरी नहीं की

इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री का भाषण चल रहा था। उनकी नजर मंच पर बैठे सुमित पर पड़ी। वे बगल में बैठे मंत्री से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा- हम आपसे ही बात कर रहे हैं। ध्यान से सुनिए।

By Arun AsheshEdited By: Yogesh SahuUpdated: Mon, 12 Jun 2023 08:15 PM (IST)
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पिता की इच्छा के सम्मान में की इंजीनियरिंग की पढ़ाई, लेकिन नौकरी कभी नहीं की : नीतीश
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपने पिता की इच्छा का सम्मान करने के लिए ही की। वह तो हमेशा राजनीति में सक्रिय रहे।

उन्होंने अच्छे अभिभावक की तरह विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह को मीठी झिड़की भी दी- तुम्हारे पिता (पूर्व मंत्री दिवंगत नरेंद्र सिंह) कौन थे? हमारे दोस्त थे न।

यह वाकया सोमवार को इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में हुआ। मुख्यमंत्री का भाषण चल रहा था। उनकी नजर मंच पर बैठे सुमित पर पड़ी।

वे बगल में बैठे मंत्री से बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा- हम आपसे ही बात कर रहे हैं। ध्यान से सुनिए। यह सब आप ही लोगों को देखना है न।

तेजस्वी की ओर भी किया इशारा

हम लोगों का तो 73वां साल (उम्र) चल रहा है। उन्होंने युवा मंत्रियों की चर्चा करने के समय अपने बगल में बैठे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर इशारा किया।

मुख्यमंत्री शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह भी इंजीनियर हैं। हां, कभी नौकरी नहीं की। राजनीति से ही जुड़े रहे।

सीएम ने कहा कि हमारे पिताजी की इच्छा थी कि मैं इंजीनियर बनूं। मेरी पढ़ाई उस इंजीनियरिंग कॉलेज (बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, अब एनआइटी पटना) में हुई, जिसकी स्थापना उस समय हुई थी, जब देश में मात्र पांच इंजीनियरिंग कालेज थे।

लड़कियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित: सीएम

मुख्यमंत्री ने बताया कि आज इंजीनियरिंग कॉलेजों के नामांकन में लड़कियों के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित हैं। हमारे समय में एक भी लड़की नहीं थी।

कोई महिला आती थी तो शिक्षक और छात्र खड़े होकर देखते रहते थे। अब तो उनके लिए एक तिहाई सीट आरक्षित है।

हमने कह दिया है कि अगर लड़कियों के लिए आरक्षित सीट रिक्त रह जाए तो उसे लड़के से नहीं भरा जाए। आरक्षित के अलावा सामान्य सीटों पर भी लड़कियों का नामांकन हो रहा है।

बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं: कुमार

कितना अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि पहले गरीबों की बेटियां सातवी-आठवीं से आगे पढ़ नहीं पाती थीं। सरकार ने सुविधाएं दीं तो लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।

उन्होंने समारोह के मंच पर महिला की उपस्थिति नहीं रहने पर कहा- यहां भी इनकी भागीदारी रहनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने अधिवेशन भवन में नव नियुक्त महिला शिक्षकों की अच्छी संख्या पर भी खुशी जाहिर की

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