Patna Coaching Institutes: पटना में बिना निबंधन चल रहे कई कोचिंग संस्थान, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
पटना में कई कोचिंग संस्थान बिना निबंधन के ही चल रहे हैं। कोचिंग में सुरक्षा पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। कोचिंग हब कहे जानेवाले नया टोला और भिखना पहाड़ी का हाल भी कुछ खास नहीं है। यहां कई कोचिंग संस्थानों में अग्निशमन सुरक्षा का इंतजाम नहीं है। कुछ में प्रवेश और निकास द्वार भी अलग-अलग नहीं मिला। इस सबके बाद डीएम चंद्रशेखर ने अहम बैठक बुलाई है।
जागरण संवाददाता, पटना। एक ही भवन में कई विषयों की कक्षाएं। न चौड़ी सीढ़ी न प्रवेश और निकास की अलग-अलग व्यवस्था। अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी घोर कमी। यह हाल है राजधानी में चल रहे कई कोचिंग संस्थानों का। यहां भविष्य संवारने के लिए जी-जान से मेहनत कर रहे छात्रों का वर्तमान खतरे में है। यदि कोई आपातकालीन परिस्थिति आ जाए तो फिर बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
एक-दो नहीं, कई तरह की अनियमितताएं मंगलवार को इन कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण में सामने आईं। दिल्ली के कोचिंग संस्थान में हुए हादसे के बाद जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर कोचिंग संस्थानों की जांच शुरू की गई है। अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीमें इन संस्थानों के निबंधन, सुरक्षा समेत अन्य बिंदुओं पर सत्यापन कर रही है। इन्हें कुल छह बिंदुओं पर जांच कर डीएम को रिपोर्ट देनी है।
सदर एसडीओ श्रीकांत कुण्डलिक खांडेकर के नेतृत्व में गठित टीम ने नया टोला और भिखना पहाड़ी इलाके में कोचिंग संस्थानों के हालात का जायजा लिया। पटना सिटी एसडीओ, दानापुर एसडीओ प्रदीप सिंह ने भी कई कोचिंग संस्थानों में पहुंचकर कोचिंग के निबंधन, सुरक्षा मानकों के अनुपालन, बिल्डिंग बायलाज, फायर एग्जिट, प्रवेश और निकास द्वार, आकस्मिक स्थिति से निपटने की व्यवस्था का सत्यापन किया।
बिना निबंधन हो रहा कोचिंग सेंटरों का संचालन
कई कोचिंग बिना निबंधन के संचालित पाए गए। फायर सेफ्टी के मामले में प्राय: सभी फिसड्डी पाए गए। बहुमंजिली इमारतों में चलने वाले इन संस्थानों की सीढ़ियों की चौड़ाई एक मीटर से भी कम पाई गई। गैलरी भी ऐसी कि एक बार में दो लोग साथ नहीं चल सकें।एसडीओ ने कहा कि कई तरह की अनियमितताएं पाई गईं हैं। दो सप्ताह में अधिक से अधिक कोचिंग संस्थानों की जांच कर डीएम को रिपोर्ट दी जाएगी, उनके स्तर से आवश्यक कार्रवाई होगी।
नया टोला और भिखना पहाड़ी इलाके में एक किलोमीटर की दूरी में सैकड़ों कोचिंग संस्थान हैं। जांच की खबर सुनकर छात्रों की भीड़ जमा हो गई। कई छात्रों ने बताया कि एक क्लास ढाई से तीन सौ और चार सौ तक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। एक ही भवन में आठ से दस कोचिंग सेंटर संचालित होते हैं। एसएससी, रेलवे, दारोगा और सिपाही भर्ती से लेकर मेडिकल-इंजीनियरिंग के कोचिंग एक ही बिल्डिंग में हैं। इस कारण जब कक्षा समाप्त होती है तो बाहर निकलने में काफी देर लग जाता है। प्रवेश और निकास का द्वार एक ही होता है। लड़कों का कहना था कि कोचिंग जरूरी है, लेकिन वहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।