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Bihar Cold Storage: बिहार के 12 जिलों में होगा कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, नीतीश सरकार देगी 50 प्रतिशत अनुदान

बिहार के 12 जिलों में राज्य सरकार कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) का निर्माण कराएगी। कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान भी देगी। यह अनुदान अधिकतम 17.50 लाख रुपये होगा। इसी के साथ सोलर प्लेट पर दिए जाने वाले अनुदान को बढ़ाने की समीक्षा भी होगी। इसकी जानकारी बिहार सरकार में कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने दी है।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 01 Aug 2024 09:28 AM (IST)
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12 जिलों में होगा कोल्ड स्टोरेज का निर्माण (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार सरकार राज्य में छोटे-छोटे शीत-गृह (कोल्ड स्टोरेज) बनाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज के लिए सोलर प्लेट पर दिए जा रहे अनुदान को बढ़ाने की समीक्षा भी होगी। अभी जिन 12 जिलों में कोल्ड स्टोरेज नहीं हैं, वहां नए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण हेतु तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत है।

बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि इस योजना के तहत नए कोल्ड स्टोरेज टाइप-1 एवं टाइप-2 की स्थापना पर 50 प्रतिशत अनुदान का प्रविधान किया गया है। यह अनुदान अधिकतम 17.50 लाख रुपये होगा।

'शीत-गृह मालिकों के साथ परिचर्चा' का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए मंगल ने बताया कि मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल, शिवहर में अभी कोल्ड स्टोरेज नहीं हैं। बहरहाल किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में है।

किसानों को अच्छे बीज उपलब्ध कराने का निर्देश

उन्होंने कृषि विज्ञानियों से नए-नए अनुसंधान की अपील की। किसानों को आलू के अच्छे बीज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कृषि भवन के सभागार में आयोजित परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए विभागीय सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि शीत-गृह मालिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु कृषि विभाग में एक एक नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। श्रम संसाधन, उद्योग और ऊर्जा विभाग से समन्वय कर वह समस्याओं का समाधान कराएगा।

उन्होंने बैंकों के प्रतिनिधियों से शीत-गृह के मालिकों को आवश्यकतानुसार ऋण मुहैया कराने का आग्रह किया।

सौर ऊर्जा से संचालित होंगे 50 शीत-गृह

मंत्री ने बताया कि देश में फल व सब्जी के उत्पादन में बिहार क्रमश: आठवें और चौथे स्थान पर है। यहां फल का वार्षिक उत्पादन 5059 हजार मीट्रिक टन और सब्जी का 18021 हजार मीट्रिक टन है। बिहार देश का तीसरा बड़ा आलू उत्पादक राज्य है। यहां वार्षिक उत्पादन लगभग 9075 हजार मीट्रिक टन है।

फल-सब्जी को संरक्षित रखने के लिए बड़ी संख्या में शीत-गृह एवं कोल्ड चेन की आवश्यकता है। अभी कुल 202 शीत-गृह कार्यरत हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता लगभग 1230176 मीट्रिक टन है। नए शीत-गृहों से भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी। अभी कार्यरत 50 शीत-गृहों का संचालन सौर ऊर्जा से करने की योजना है।

हर स्तर पर अनुदान की व्यवस्था

राज्य के सुदूर क्षेत्रों में भंडारण की सुविधा नहीं होने के कारण फल एवं सब्जियां बहुतायत मात्रा में खराब हो जाती हैं। उसके लिए सौर ऊर्जा आधारित सोलर पैनल माइक्रो कूल चैंबर, जिसकी भंडारण क्षमता 10 मीट्रिक टन है, की योजना स्वीकृत है। इस इकाई की अनुमानित लागत (25 लाख रुपये) का 50 प्रतिशत (अधिकतम 12.50 लाख रुपये) अनुदान दिया जाएगा।

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पुराने शीत-गृहों के आधुनिकीकरण, भंडारण क्षमता का विस्तार, कोल्ड चेन के माध्यम से फल एवं सब्जियों के परिवहन हेतु रीफर वैन, फलों को पकाने हेतु राइपेनिंग चैंबर की स्थापना पर 35 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त ताजे फलों एवं सब्जियों की पैकिंग हेतु आन फार्म पैक हाउस की स्थापना पर 50 प्रतिशत (अधिकतम दो लाख रुपये) अनुदान का प्रविधान है।

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