भूख से ट्रेन में तड़प-तड़पकर मर गया प्रवासी, भाई का आरोप-दो दिन से नहीं मिला था खाना
सूरत से वैशाली के लिए निकला एक प्रवासी मजदूर सासाराम से गया के रास्ते पटना आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में भूख से मर गया।
By Akshay PandeyEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 10:01 AM (IST)
पटना, जेएनएन। सूरत से वैशाली के लिए निकला एक प्रवासी मजदूर पांच दिन बाद भी घर नहीं पहुंच सका। सासाराम से गया के रास्ते पटना आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में ही उसकी मौत हो गई। जंक्शन पर उसके शव को जीआरपी ने उतार लिया और पोस्टमार्टम के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) भेज दिया। मृतक की पहचान वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर ओपी के बेलवर गांव के रहने वाले सरोज कुमार के रूप में की गई है।
सूरत की साड़ी प्रैक्ट्री में करता था कामसरोज के भाई कृष्णा कुमार ने बताया कि वे दोनों सोमवार से ही भूखे थे। रास्ते में कुछ भी खाने को नहीं मिला था। दोनों भाई सूरत की साड़ी प्रीटिंग फैक्ट्री में काम करते थे। 22 मई को सूरत से ट्रेन पकड़ी थी। इससे दोनों सोमवार को सासाराम पहुंचे। फिर मंगलवार को सासाराम से लोकल श्रमिक स्पेशल ट्रेन पकड़कर पटना जा रहे थे जहां से वैशाली के लिए बस पकड़ते मगर बीच सफर में ही सरोज की तबीयत खराब हो गई और उसने दम तोड़ दिया। जीआरपी प्रभारी रवि प्रकाश ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मौत कैसे हुई, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा।
दो माह से झेल रहे थे तकलीफमृतक सरोज के भाई कृष्णा ने बताया कि वे सूरत में पिछले दो माह से तकलीफ झेल रहे थे। वहां एक बार मदद के नाम पर पांच किलो आटा और दो किलो चावल मिला था। मार्च के बाद पगार नहीं मिली। हालत यह हो गई कि उधार में राशन लेने लगे। पैसा न दे पाने के कारण दुकानदार ने जब उधार देने से मना किया तो दोनों भाइयों ने घर से दो-दो हजार रुपये मंगवाए और बकाया चुकाकर किसी तरह बिहार वापसी के लिए ट्रेन पकड़ ली, पर किसे पता था कि ये सफर दोनों भाइयों को हमेंशा के लिए एक दूसरे से अलग कर देगा।
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